Marriage Certificate: शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट होता है ज़रूरी दस्तावेज , जानिए इसे बनवाने का तरीका
Marriage Certificate: मैरिज सर्टिफिकेट यानी शादी का प्रमाण पत्र एक बेहद अहम दस्तावेज है। जानते हैं इसे बनवाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी।
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया।
Marriage Certificate: शादी के बाद सिर्फ रस्मों की ही नहीं, कागजी प्रमाण की भी अहमियत होती है। यही कारण है कि शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट (विवाह प्रमाण पत्र) बनवाना बेहद ज़रूरी हो जाता है। यह सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि पासपोर्ट बनवाने, वीजा लेने, संयुक्त बैंक अकाउंट खोलने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने जैसे कई कामों में आवश्यक होता है।
आज के समय में मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है। अब इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बनवाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज़, दोनों पक्षों की सहमति और तय प्रक्रिया का पालन करना ज़रूरी होता है। आइए जानते हैं कि मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
आवेदन का तरीका (Online या Offline)
- मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आप दो तरीके से आवेदन कर सकते हैं –
- ऑफलाइन: नजदीकी उप-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर फॉर्म भरें।
- ऑनलाइन: राज्य की शादी पंजीकरण वेबसाइट (जैसे services.india.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज़
- आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज़ लगाना अनिवार्य होता है:
- आधार कार्ड (दोनों पति-पत्नी का)
- पासपोर्ट साइज फोटो (हालिया)
- शादी का निमंत्रण पत्र या शादी के फोटो
- आयु प्रमाण पत्र (जैसे बर्थ सर्टिफिकेट या 10वीं की मार्कशीट)
- निवास प्रमाण पत्र
- दो गवाहों के पहचान पत्र
आवेदन प्रक्रिया
- वेबसाइट या कार्यालय में जाकर फॉर्म भरें।
- दोनों पति-पत्नी को फॉर्म पर साइन करना होगा।
- गवाहों की उपस्थिति जरूरी होती है (कम से कम दो)।
- आवेदन के बाद एक तारीख तय की जाती है जब दोनों को उपस्थित होना होगा।
- तय तारीख पर दस्तावेज़ की जांच होती है और सत्यापन के बाद प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
फीस और समय सीमा
- रजिस्ट्रेशन की फीस राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है (आमतौर पर ₹100–₹500)।
- सामान्यतः प्रमाणपत्र 7 से 15 कार्यदिवसों के भीतर मिल जाता है।
- कुछ राज्य तत्काल सेवा भी प्रदान करते हैं जिसमें अतिरिक्त शुल्क लगता है।
ध्यान देने योग्य बातें
- शादी की तारीख से 60 दिन के भीतर आवेदन करना बेहतर होता है।
- स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत इंटरकास्ट या अंतरधार्मिक विवाह के लिए 30 दिन का नोटिस अनिवार्य होता है।
- सभी दस्तावेज़ सही और वैध होने चाहिए, वरना आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
- मैरिज सर्टिफिकेट एक आवश्यक कानूनी दस्तावेज़ है जिसे बनवाना हर विवाहित जोड़े के लिए जरूरी है। थोड़ी सी तैयारी और सही जानकारी के साथ आप बिना किसी परेशानी के इसे प्राप्त कर सकते हैं।