Stock Market Today: मार्केट को जीएसटी का बूस्ट, सेंसेक्ट 600 अंक उछला, निफ्टी में भी तेजी
Stock Market Today: जीएसटी के स्लैब में हुए बदलाव का असर गुरुवार को शेयर बाजार में नजर आया। बाजार ने इस क्रांतिकारी सुधार को हाथों-हाथ लिया और सेंसेक्स में 600 अंक की उछाल दर्ज की गई। वहीं, निफ्टी भी 24900 से ऊपर पहुंच गया।
जीएसटी में हुए सुधार के बाद गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान पर कारोबार कर रहा।
Stock Market Today: एक दिन पहले जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में स्लैब हुए बदलाव का असर गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में नजर आया। टैक्स सुधार के इस कदम से बाजार झूम उठा। शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सेंसेक्स 600 अंकों से ज़्यादा उछल गया जबकि निफ्टी 24,900 के स्तर को पार कर गया।
सुबह 9.20 बजे तक, सेंसेक्स 0.7 प्रतिशत बढ़कर 81100 पर कारोबार कर रहा था। इसमें 600 अंकों से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई जबकि निफ्टी 0.7 प्रतिशत बढ़कर 24910 पर पहुंच गया।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 7 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़त के साथ इस तेजी का नेतृत्व किया, उसके बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी इंडिया और आईटीसी लिमिटेड का स्थान रहा, जिनमें क्रमशः 4 प्रतिशत, 3 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़त दर्ज की गई। एनटीपीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज में मामूली गिरावट आई।
सेक्टर वाइज अगर बात करें तो निफ्टी ऑटो इंडेक्स ने 2.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ बेहतर प्रदर्शन किया, जिसके बाद निफ्टी एफएमसीजी का स्थान रहा, जिसमें 2.1 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। निफ्टी रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1-1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि निफ्टी फार्मा, पीएसयू बैंक और प्राइवेट बैंक सूचकांकों में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि जीएसटी सुधार की दिशा में एक बड़ा बदलाव दर्शाते हैं। डेयरी, दवाइयों और खाद्य पदार्थों जैसी आवश्यक वस्तुओं पर दरों में कटौती से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ होगा। सरलीकृत दो-स्लैब संरचना टैक्स बोझ को कम करती है और विकास के मुख्य कारकों को प्राथमिकता देती है। आरबीआई की दरों में कटौती, वित्त वर्ष 2026 में आयकर छूट और मुद्रास्फीति में नरमी के साथ, ये सुधार उपभोग और विस्तार को बढ़ाने के लिए जरूरी ईंधन का काम करेंगे।
सरकार के संशोधित जीएसटी ढांचे में ऑटो, एफएमसीजी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर कर की दरों में कटौती की गई है, जिसके तहत स्लैब को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत में मिला दिया गया जबकि विलासिता की वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की दर बरकरार रखी गई। कॉम्पेंशेसन सेस हटने से वाहन और अधिक किफायती होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आवश्यक वस्तुओं, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और बीमा पर कर राहत से मांग बढ़ेगी, अनुपालन आसान होगा और त्योहारी सीजन के करीब आने पर विकास को बढ़ावा मिलेगा।
(प्रियंका कुमारी)