Gold-Silver Prices Down: रिकॉर्ड रैली के बाद फिसले सोना-चांदी-तांबा, कीमतों में 13% तक गिरावट; जानिए 3 बड़ी वजहें

Gold-Silver Prices Down: रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद सोना, चांदी और तांबे की कीमतों में 13 फीसदी तक गिरावट आई। मुनाफावसूली, भू-राजनीतिक तनाव में कमी और चीन की सख्ती के कारण कीमती धातु की कीमतें गिरीं।

Updated On 2025-12-29 17:56:00 IST

गोल्ड-सिल्वर की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 

Gold-Silver Prices Down: रिकॉर्ड तेजी के बाद सोना,चांदी और तांबे की कीमतों में सोमवार को बड़ी गिरावट देखने को मिली। कुछ ही घंटों में जहां निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की, वहीं वैश्विक संकेतों और नीतिगत बदलावों ने भी दबाव बढ़ाया। नतीजा यह रहा कि कई कमोडिटीज अपने ऑल-टाइम हाई से फिसलकर लाल निशान में आ गईं।

सोने की बात करें तो फरवरी एक्सपायरी वाला गोल्ड फ्यूचर करीब 2% गिरकर 137646 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। दिन में यह अपने अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंचा था। अप्रैल और जून एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स भी ऑल-टाइम हाई छूने के बाद लगभग 2 फीसदी टूट गए।

चांदी में गिरावट और भी तेज रही। मार्च एक्सपायरी वाली सिल्वर फ्यूचर कीमत 8% लुढ़ककर 232663 रुपये प्रति किलो पर आ गई। मई और जुलाई एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स ने दिन की सारी बढ़त गंवा दी और 9% से 10% तक फिसल गए।

तांबे में तो बिकवाली का तूफान दिखा। जनवरी एक्सपायरी वाला कॉपर फ्यूचर पहले 1392.95 रुपये प्रति किलो के नए रिकॉर्ड पर पहुंचा, लेकिन बाद में 13% टूटकर 1211.05 रुपये प्रति किलो पर आ गया। फरवरी और मार्च एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स भी लाल निशान में बंद हुए।

कीमतों में गिरावट की 3 बड़ी वजहें

मुनाफावसूली का दबाव

2025 में जबरदस्त रैली के बाद निवेशकों ने ऊंचे स्तरों पर मुनाफा निकालना शुरू किया। जेएम फाइनेंशियल के प्रणव मेर के मुताबिक, 2026 में इतनी तेज रिटर्न की उम्मीद कम है। इसलिए प्रॉफिट-बुकिंग स्वाभाविक थी।

चीन की सप्लाई से जुड़ी सख्ती

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन 2026 से फिजिकल मेटल के एक्सपोर्ट पर लाइसेंस सिस्टम लागू करने जा रहा है। इससे ग्लोबल सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ी। एलन मस्क ने भी कहा कि चांदी कई इंडस्ट्रियल कामों के लिए जरूरी है और यह फैसला अच्छा संकेत नहीं है।

CME का मार्जिन बढ़ाना

सीएमई ग्रुप ने मार्च 2026 की सिल्वर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स पर इनिशियल मार्जिन 20 हजार डॉलर से बढ़ाकर 25 हजार डॉलर कर दिया। जिन निवेशकों के पास अतिरिक्त मार्जिन नहीं था,उन्हें पोजिशन काटनी पड़ी, जिससे बिकवाली तेज हुई। कमोडिटी कीमतों में गिरावट का असर शेयर बाजार पर भी दिखा और हिंदुस्तान जिंक व हिंदुस्तान कॉपर के शेयर अपने इंट्राडे हाई से नीचे फिसल गए।

(प्रियंका कुमारी)

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