FASTag एनुअल पास: हाइवे पर टोल का झंझट खत्म, ₹3,000 में 200 टोल क्रॉसिंग फ्री; ऐसे मिलेगा फायदा

केंद्र सरकार का FASTag आधारित वार्षिक पास 15 अगस्त 2025 से लागू। ₹3,000 में 1 साल या 200 टोल क्रॉसिंग फ्री। निजी वाहनों के लिए मान्य, नेशनल हाईवे पर सफर किफायती और डिजिटल सुविधा। जानें डिटेल्स।

By :  Desk
Updated On 2025-08-15 13:47:00 IST

National Highway Annual Pass

FASTag Annual Pass 2025: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा घोषित वार्षिक FASTag पास योजना आज (15 अगस्त 2025) से लागू हो गई। यह फास्टटैग पास उन वाहन चालकों के लिए है, जो नियमित रूप से नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं। 3000 का FASTag पास लेकर वह एक साल तक देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर सफर कर सकते हैं। टोल प्लाजा की ट्रिप (क्रासिंग) फ्री रहेंगी।

एनुअल FASTag पास कैसा है?

  • कीमत: ₹3,000 प्रति वर्ष
  • वैलिडिटी: 1 साल या 200 टोल क्रॉसिंग (जो पहले हो)
  • लागू वाहन: केवल प्राइवेट, नॉन-कॉमर्शियल व्हीकल (कार, जीप, वैन)
  • मान्य स्थान: NHAI और MoRTH के नेशनल हाईवे व एक्सप्रेसवे
  • अमान्य स्थान: स्टेट हाईवे, नगरपालिका टोल रोड, प्राइवेट एक्सप्रेसवे (जैसे यमुना एक्सप्रेसवे, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे)

एनुअल FASTag पास से बचत का गणित

मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक, सामान्यत: 200 टोल क्रॉसिंग पर लगभग ₹10,000 तक खर्च होते हैं, लेकिन इस एनुअल पास से यह टोल खर्च घटकर ₹3,000 रुपये हो जाएगा। यानी प्रति टोल औसतन ₹15 रुपये।

एनुअल FASTag पास कैसे खरीदें?

  • राजमार्ग यात्रा ऐप या NHAI पोर्टल पर जाएं
  • व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर और FASTag ID से लॉग-इन करें
  • UPI/डेबिट-क्रेडिट कार्ड/नेट बैंकिंग से ₹3,000 का भुगतान करें
  • पास आपके मौजूदा FASTag से लिंक हो जाएगा
  • एक्टिवेशन मैसेज मिलने के बाद इसका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा

एनुअल FASTag पास के फायदे

  • बार-बार टोल पेमेंट या रिचार्ज की जरूरत नहीं
  • नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम और प्रतीक्षा समय में कमी
  • लंबी दूरी के यात्रियों के लिए किफायती विकल्प
  • डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा

एनुअल FASTag पास: महत्वपूर्ण नियम

एनुअल FASTag पास नॉन-ट्रांसफरेबल है। यानी उसी वाहन पर मान्य होगा, जिसके साथ यह रजिस्टर्ड होगा। चेसिस नंबर पर रजिस्टर्ड FASTag पर एक्टिव नहीं होगा। एक टोल प्लाजा पार करना एक क्रॉसिंग मानी जाएगी। वापसी में दोबारा पार करने पर दूसरी क्रॉसिंग गिनी जाएगी।

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