ट्रंप का नया ग्लोबल टैरिफ वॉर: चीन पर 100%, भारत पर 50% ड्यूटी, जानिए कैसे बदलेंगे दुनिया के ट्रेड नियम
Trump’s global tariff war:ट्रंप प्रशासन ने चीन से आने वाले सभी सामान पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है। उन्होंने 1 नवंबर, 2025 से इसे लागू करने का कहा है। भारत पर पहले से ही 50 फीसदी ड्यूटी लगी हुई है। इस फैसले से कैसे ट्रेड नियम बदलेंगे।
अब डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
Trump’s global tariff war: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया के व्यापारिक समीकरणों को हिला दिया है। चीन पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के इरादे से ट्रंप ने 1 नवंबर 2025 से चीन से इंपोर्ट होने वाले सभी सामान पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। यह कदम चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर लगाई गई पाबंदियों के जवाब में उठाया गया है। ये खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई और डिफेंस सेक्टर के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं।
अब तक चीन से आने वाले ज्यादातर सामान पर अमेरिका की तरफ से 30 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लागू था, जो 10 नवंबर तक बढ़ाया गया है। लेकिन अगर नया 100% टैरिफ लागू हुआ, तो यह अब तक के सबसे बड़े व्यापारिक झटकों में से एक होगा।
ट्रंप का ट्रेड वॉर
ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से अमेरिकी कानून के सेक्शन 232 के तहत ये फैसला लिया है। मौजूदा दरों में स्टील और एल्युमिनियम पर 50%, ऑटो और ऑटो पार्ट्स पर 25% और कॉपर पर 50 फीसदी टैरिफ शामिल हैं। आने वाले समय में भारी ट्रक, फर्नीचर, लकड़ी, दवाओं और सेमीकंडक्टर, ड्रोन व एयरक्राफ्ट पर भी ड्यूटी बढ़ सकती है। अब ये टैक्स सिर्फ देशों पर नहीं, बल्कि इंडस्ट्री-टू-इंडस्ट्री आधार पर लगाया जा रहा है।
भारत पर भी दोगुनी ड्यूटी
भारत के लिए टैरिफ पहले 25 फीसदी तय किया गया था लेकिन 27 अगस्त से इसे दोगुना कर 50 फीसदी कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने से जुड़ा हुआ है।
90 देशों पर नया इमरजेंसी टैक्स
ट्रंप ने 1970 के दशक के एक आपातकालीन आर्थिक कानून का इस्तेमाल किया है, जो पहले कभी टैरिफ के लिए नहीं हुआ। इसके तहत 90 देशों पर 15 से 50 फीसदी तक टैक्स लगाया गया है। ट्रांसशिपमेंट यानी सामान को तीसरे देश के जरिए भेजने वाले देशों पर इससे भी सख्त पेनल्टी लगाई गई है। ब्राजील पर सबसे ज्यादा 50% टैक्स लगाया गया है। वहीं भारत, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे देशों पर औसतन 10 फीसदी का फ्लैट टैक्स लगाया गया है।
यूरोप और एशिया के कुछ देशों के साथ समझौते
अमेरिका ने कुछ सहयोगी देशों के साथ सॉफ्ट डील भी की है। यूरोपीय यूनियन, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, जापान, वियतनाम, फिलीपींस और इंडोनेशिया ने 15–20% टैरिफ मानने के बदले नए अमेरिकी निवेशों की अनुमति दी है। उदाहरण के लिए, दक्षिण कोरिया ने अमेरिकी ऊर्जा की खरीद बढ़ाने का समझौता किया है, जबकि यूरोपीय यूनियन ने कार और दवाओं पर 15% टैरिफ फ्रेमवर्क स्वीकार किया है।
दुनिया के लिए नया व्यापारिक संकट
अब अमेरिकालगभग हर देश पर का नया टैक्स लागू हो गया है। इससे कार, फर्नीचर और दवाओं तक की कीमतें बढ़ने की आशंका है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इन आपातकालीन टैरिफ शक्तियों की वैधता पर सुनवाई करेगा। तब तक, कारोबारी नई सप्लाई चेन की तलाश में जुट गए हैंऔर दुनिया भर के उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का नया दौर आने वाला है।
(प्रियंका कुमारी)