PPF Rules: क्या आप पीपीएफ से पैसे जल्दी निकाल सकते हैं? क्या कहता है नियम, कब मिलती है इजाजत?
PPF Early Withdrawal: अगर आपको अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए तो क्या PPF अकाउंट से निकाल सकते हैं। क्या कहता है नियम।
जरूरत के वक्त क्या आप अपने पीपीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकते। जानें क्या है नियम।
PPF Early Withdrawal rules: सरकारी सुरक्षा और स्थिर ब्याज दर के कारण पब्लिक प्रोविडेंट फंड आज भी भारतीयों की पसंदीदा सेविंग स्कीम में से एक है। 7.1 फीसदी की मौजूदा इंटरेस्ट रेट ( अक्टूबर से दिसंबर 2025) और टैक्स फायदे इसे आकर्षक बनाते हैं। लेकिन, कई लोगों के जहन में ये सवाल रहता है कि क्या 15 साल पूरे होने से पहले भी पैसे निकाले जा सकते हैं? तो इसका जवाब है, हां लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
पीपीएफ अकाउंट का लॉक-इन पीरियड 15 साल का होता है। यानी इस अवधि से पहले आप पूरा पैसा नहीं निकाल सकते। लेकिन सरकार ने इसमें कुछ लचीलापन दिया है। 6 साल पूरे होने के बाद, यानी सातवें वित्त वर्ष से आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है।
कितनी रकम निकाल सकते हैं?
पीपीएफ अकाउंट से पैसे निकालने की सीमा तय है ताकि आपके खाते में बचत बढ़ती रहें। आप दो राशियों में से जो कम हो, उतनी रकम निकाल सकते हैं । चौथे साल के अंत का आधा बैलेंस या जिस साल पैसे निकाल रहे हैं, उसके पिछले साल का आधा बैलेंस। इससे जरूरत के वक्त थोड़ी राहत भी मिलती है और सेविंग्स पर असर भी कम पड़ता है।
5 साल बाद अकाउंट बंद करने का नियम
सरकार ने 2016 से PPF अकाउंट का प्रीमैच्योर क्लोजर भी मंजूर किया हैलेकिन यह सिर्फ 5 साल पूरे होने के बाद ही मुमकिन है। वह भी सिर्फ कुछ परिस्थितियों में, जैसे गंभीर बीमारी के इलाज के लिए या खुद या बच्चों की हायर एजुकेशन के खर्च के लिए।हालांकि, इस स्थिति में आपको थोड़ा नुकसान होता है, क्योंकि ऐसी बंदी पर ब्याज दर 1% कम कर दी जाती है।
लोन का विकल्प भी मौजूद
अगर आप अकाउंट से पैसे निकालना नहीं चाहते, तो लोन लेना बेहतर विकल्प हो सकता। तीसरे से छठे वित्त वर्ष के बीच आप अपने बैलेंस का 25% तक लोन ले सकते हैं। यह लोन 36 महीनों में चुकाना होता है। फायदेमंद बात यह है कि इससे आपकी सेविंग्स कायम रहती हैं और जरूरत का पैसा भी मिल जाता है।
15 साल पूरे होने के बाद क्या है नियम
लॉक-इन खत्म होते ही आप पूरा पैसा निकाल सकते हैं। चाहें तो अकाउंट को 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ा भी सकते हैं, नई जमा राशि के साथ या बिना उसके भी। इससे आपका पैसा टैक्स-फ्री ब्याज कमाता रहता है और सुरक्षित भी रहता है।
(प्रियंका कुमारी)