Bank FD Vs Post Office Schemes: बैंक एफडी को टक्कर देंगी पोस्ट ऑफिस की ये 5 स्कीम, जान लें इन्हें

Bank FD Vs Post Office Schemes: बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्कीम दोनों ही बेहतरीन सेविंग ऑप्शन हैं। जानते हैं पोस्ट ऑफिस की कुछ खास स्कीम्स के बारे में।

Updated On 2025-08-09 14:44:00 IST
बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्कीम में क बेहतर है?

Bank FD Vs Post Office Schemes: सुरक्षित निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी को सबसे बेहतर माना जाता है। हालांकि, पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स भी रिटर्न देने के मामले में कुछ कम नहीं हैं। ये स्कीम्स बैंक एफडी की तरह ही न सिर्फ रिस्क फ्री हैं, बल्कि कई मामलों में उससे बेहतर भी नजर आती हैं।

हाल ही में सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घोषित की हैं। इन नई दरों के बाद पोस्ट ऑफिस की कुछ योजनाएं बैंक एफडी से काफी आगे निकल गई हैं। जानते हैं पोस्ट ऑफिस की कुछ बढ़िया योजनाओं के बारे मे।

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 60 साल से ज्यादा उम्र के निवेशकों के लिए एक शानदार विकल्प है, जो नियमित आय चाहते हैं। इस पर फिलहाल सालाना 8.2% का ब्याज मिल रहा है, जो हर तीन महीने में सीधे खाते में जमा होता है। इसमें 30 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। इस योजना के तरह सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट भी मिलती है।

सुकन्या समृद्धि योजना

10 साल से कम उम्र की बच्चियों के लिए यह स्कीम भविष्य सुरक्षित करने का एक बेहतरीन तरीका है। इस योजना पर 8.2% का हाई इंट्रेस्ट मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश की गई रकम, मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट, तीनों पूरी तरह से टैक्स-फ्री होते हैं।

राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र

जो लोग लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं उनके लिए ये योजना काफी फायदेमंद हो सकती है। इस 5 साल की स्कीम पर सालाना 7.7 प्रतिशत का इंट्रेस्ट मिल रहा है। हालांकि, ब्याज का भुगतान मैच्योरिटी पर एक साथ होता है, लेकिन इस पर भी टैक्स छूट का लाभ मिलता है।

किसान विकास पत्र

अगर आप अपने पैसे को एक निश्चित समय में दोगुना करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए है। इस पर सालाना 7.5% का ब्याज मिलता है, जिससे आपका पैसा लगभग दस सालों में दोगुना हो जाता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड

यह योजना रिटायरमेंट या बच्चों की शिक्षा जैसे लंबे टारगेट्स के लिए बेहद उपयोगी है। इसकी अवधि 15 साल की होती है, जिसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाया जा सकता है। इस पर वर्तमान में 7.1% की ब्याज दर है और इसमें भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

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