Income Tax Return: ITR फाइल करने जा रहे हैं? 7 बातों का रखें ख्याल, वरना हो सकती है परेशानी

Income Tax Return Filing: सरकार ने इस बार इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है।

Updated On 2025-08-09 15:39:00 IST

आईटीआर फाइल करने से पहले ध्यान रखें 7 बातें।

Income Tax Return Filing: हर टैक्सपेयर के लिए सालाना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है। इस साल सरकार ने रिटर्न दाखिल करने की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है जो टैक्सपेयर्स के लिए राहत की बात है। ITR भरते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। ऐसा न करने पर मुसीबत खड़ी हो सकती है।

बता दें कि सही जानकारी के साथ और समय पर आईटीआर दाखिल करना भविष्य के जुर्माने, नोटिस या रिफंड में देरी से बचा सकता है। जानते हैं आईटीआर दाखिल करने के दौरान किछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

सही ITR फॉर्म का चुनाव

हर टैक्सपेयर के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं। जैसे, सैलरीड क्लास के लिए ITR-1 फॉर्म होता है। ऐसे में गलत फॉर्म चुनने पर आपका रिटर्न प्रभावित हो सकता है। ऐसा करने से आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है।

असेसमेंट ईयर का रखें ध्यान

इस साल आप फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए रिटर्न भर रहे हैं, तो असेसमेंट ईयर 2025-26 होगा। अक्सर लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज़ हो जाते हैं, जिससे उनका रिटर्न खारिज हो सकता है।

पर्सनल डिटेल्स सही भरें

टैक्सपेयर्स को अपनी जरूरी जानकारी सही भरना चाहिए। जैसे नाम, पता, पैन नंबर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की डिटेल। इनमें किसी भी तरह की गलती होने पर आपका रिफंड अटक सकता है या आपको नोटिस आ सकता है।

सारी इनकम की जानकारी दें

आईटीआर में अपनी आय की सारी जानकारी भरें। चाहे वो बचत खाते पर मिला ब्याज, FD से मिला ब्याज, किराए से होने वाली आय, या शेयरों से हुए लाभ क्यों न हो। किसी भी आय को छुपाना भविष्य में परेशानी का कारण बन सकता है।

सही फॉर्मेट का यूज़ करें

ITR फॉर्म में जानकारी भरते समय सही फॉर्मेट का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे कि तारीख या IFSC कोड का फॉर्मेट। गलत फॉर्मेट से टेक्निकल दिक्कतें आ सकती हैं।

सही टैक्स रिजीम चुनना है ज़रूरी

पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में से सही विकल्प चुनना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। अपनी टैक्स कैलकुलेशन को समझकर ही सही रिजीम चुनें ताकि आप कम से कम टैक्स चुकाएं।

आईटीआर वेरिफाई करना न भूलें

ITR फाइल करने के बाद उसे ई-वेरिफाई करना बहुत जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते, तो आपका रिटर्न अधूरा माना जाएगा। आप आधार OTP, नेटबैंकिंग या अन्य तरीकों से इसे वेरिफाई कर सकते हैं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें।)

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