Gold Loan: गोल्ड लोन लेने से पहले पता कर लें 6 बातें, वरना फायदे की जगह हो सकता है नुकसान

Gold Loan Tips: आजकल गोल्ड लोन लेना बहुत कॉमन हो गया है। हालांकि, गोल्ड लोन लेने से पहले कुछ बातें ध्यान रखकर इस अनुभव को बेहतर बनाया जा सकता है।

Updated On 2025-08-02 16:26:00 IST

गोल्ड लोन लेने से जुड़ी ज़रूरी बातें। (Image-AI)

Gold Loan Tips: इन दिनों सोने पर लोन लेने का चलन काफी बढ़ गया है। अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर गोल्ड लोन एक तेज और आसान विकल्प के रूप में देखा जाता है। बैंक बैलेंस कम होने पर गोल्ड लोन लेना एक बेहतर ऑप्शन होता है। यह लोन आप अपने सोने को गिरवी रखकर बैंक या फाइनेंस कंपनी से तत्काल कैश ले सकते हैं, हालांकि इसे लेकर वक्त कुछ सावधानियां रखना जरूरी है।

ब्याज दर, लोन शर्तें या गोल्ड की वैल्यू समझे बिना लोन ले लिया जाए, तो बाद में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि गोल्ड लोन लेने से पहले कुछ अहम बातों पर गौर किया जाए।

सोने की शुद्धता और वजन की जांच

आमतौर पर कोई भी बैंक या एनबीएफसी 18 से 24 कैरेट के गोल्ड पर ही लोन देते हैं। गहनों का वजन और उनकी शुद्धता लोन अमाउंट तय करती है। गहनों में लगे पत्थर या जड़ाऊ काम को लोन वैल्यू में नहीं जोड़ा जाता।

ब्याज दर की तुलना जरूर करें

गोल्डन लोन के लिए हर बैंक और कंपनी अलग-अलग ब्याज दर ऑफर करती है। इसकी ब्याज दर 7% से लेकर 25% तक जा सकती है। इसलिए कई जगहों से ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस की जानकारी लेकर ही अंतिम निर्णय पर पहुंचें।

लोन अवधि को समझें

गोल्ड लोन आमतौर पर शॉर्ट टर्म लोन माना जाता है जो कि 6 महीने से 3 साल की अवधि तक होता है। कुछ लोन स्कीम में समय से पहले भुगतान करने पर पेनल्टी लगती है, इसलिए लोन टर्म को पूरी तरह समझें।

रीपेमेंट ऑप्शन पर ध्यान दें

गोल्ड लोन में ब्याज भुगतान के कई तरीके होते हैं जिसमें ईएमआई, बुलेट पेमेंट या केवल ब्याज भरना शामिल हैं। जो भी ऑप्शन आप चुनें, उसकी शर्तें अच्छे से समझना जरूरी हैं ताकि बाद में कोई सरप्राइज न मिले।

गोल्ड की सुरक्षा की गारंटी लें

इस बात का पता करें कि आपका सोना किस जगह और किस सुरक्षा व्यवस्था में रखा जाएगा। बैंक आमतौर पर सोना अपने लॉकर में सुरक्षित रखते हैं, लेकिन एनबीएफसी में हमेशा स्पष्ट जानकारी लें।

डिफॉल्ट पर क्या होगा, ये जानना जरूरी

अगर आप समय पर लोन नहीं चुका पाए तो आपका गोल्ड नीलाम किया जा सकता है। इसलिए किस्तें और ब्याज समय से चुकाना जरूरी है। साथ ही एग्रीमेंट में लिखी गई शर्तें ध्यान से पढ़ें जिससे भविष्य में दिक्कत का सामना न करना पड़े।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें।)

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