EVs Market: भारत से इलेक्ट्रिक कारों का एक्सपोर्ट शुरू, मल्टीनेशनल कंपनी ने इंडोनेशिया भेजीं 'मेड इन इंडिया' कारें

EVs Market: सिट्रोएन की मूल कंपनी स्टेलेंटिस ने कहा है कि ईवी एक्सपोर्ट की उपलब्धि हासिल करने के बाद हमारे पास कुछ अन्य बाजारों नेपाल और भूटान के लिए भी योजनाएं हैं।

By :  Desk
Updated On 2024-04-12 18:52:00 IST
French EV Maker Citroen

(मंजू कुमारी)
EVs Market:
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार तेज गति के आगे बढ़ रहा है। अमेरिकी EV मेकर कंपनी टेस्ला भारत में एंट्री करने की तैयारी कर चुकी है। लेकिन इससे पहले फ्रांस की ईवी कंपनी ने EV प्रोडक्शन और उनके एक्सपोर्ट में बाजी मार ली। अब सिट्रोएन पहली मल्टीनेशनल कंपनी बन गई है, जिसने भारत से ईवी एक्सपोर्ट की है। कंपनी ने शुक्रवार को तमिलनाडु के कामराजार बंदरगाह से इंडोनेशिया के लिए 'मेड इन इंडिया' ë-C3 इलेक्ट्रिक कारों की 500 यूनिट भेजी हैं। फ्रांसीसी कंपनी सिट्रोएन की नजर नेपाल और भूटान समेत अन्य बाजारों पर भी है। 

इस उपलब्धि पर सिट्रोएन ने क्या कहा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिट्रोएन ने पहली बार भारत में बने इलेक्ट्रिक व्हीकल अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात किए हैं। सिट्रोएन की मूल कंपनी स्टेलेंटिस ने कहा कि यह उपलब्धि हासिल करने के बाद हमारे पास कुछ अन्य बाजारों नेपाल और भूटान के लिए भी योजनाएं हैं। ये तो सिर्फ एक शुरुआत है। यह कंपनी फिलहाल भारत में अपने जीप और सिट्रोएन ब्रांड की बिक्री करती है।

हम भारत को लेकर आने बढ़ना चाहते हैं: MD
स्टेलंटिस इंडिया के सीईओ और एमडी आदित्य जयराज ने कहा कि हम भारत को सबसे अच्छी लागत वाले देश के तौर पर लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। पिछले साल Citroën ने भारत से आसियान और अफ्रीकी मार्केट में C3 एक्सपोर्ट की थी। स्टेलंटिस के दूसरे ब्रांड की जीप को भारत से जापान को एक्सपोर्ट किया जाता है।

कंपनी मार्च में किया था ये बड़ा ऐलान?
पिछले महीने मार्च में Citroen ने अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल e-C3 की 4,000 यूनिट को ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी (ऑल-इलेक्ट्रिक राइड-हेलिंग स्टार्टअप) को 12 महीनों के लिए सप्लाई करने का ऐलान किया था। इसके बाद बेंगलुरु में ब्लूस्मार्ट के EV चार्जिंग सुपरहब से 125 Citroen e-C3 को हरी झंडी भी दिखाई थी। ब्लूस्मार्ट के सीईओ अनमोल जग्गी ने कहा कि अगर ज्यादा मैन्यूफ्रैक्चरर ई-मोबिलिटी को अपनाएंगे, हमारे लिए अवसर बढ़ेंगे। हम भारत के बड़े शहरों में राइड-हेलिंग सर्विस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

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