Safety Rating Stickers: कारों और एसयूवी के लिए भारत NCAP के सुरक्षा रेटिंग स्टिकर, अब क्यूआर बताएंगे पूरी कुंडली

Safety Rating Stickers: अब भारत में सभी नई गाड़ियों पर सिक्योरिटी रेटिंग स्टिकर BNCAP क्रैश टेस्ट-रेटेड कारों पर दिखाई देंगे। इसके क्यूआर कोड में गाड़ी के मॉडल, सिक्योरिटी रेटिंग, टेस्टिंग महीना और साल जैसी डिटेल शामिल होगी।

By :  Desk
Updated On 2024-08-31 20:39:00 IST
Bharat NCAP safety rating stickers

Safety Rating Stickers: भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) के तहत सुरक्षा रेटिंग दिखाने के लिए जिन नई कारों की टेस्टिंग हो चुकी है, उन पर जल्द ही एक सिक्योरिटी लेबल लगाया जाएगा। Bharat NCAP ने इस सुरक्षा लेबल के डिज़ाइन का भी खुलासा किया है, जिसे क्रैश टेस्ट के बाद कार निर्माताओं को जारी किया जाएगा। इस सुरक्षा लेबल में गाड़ी के मॉडल और वेरिएंट के लिए मिली सिक्योरिटी रेटिंग, टेस्टिंग का महीना और साल, साथ ही वयस्क और बच्चों के लिए सिक्योरिटी रेटिंग भी शामिल होगी।

Bharat NCAP सिक्योरिटी लेबल
सरकार की इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों को नई कार खरीदते समय बेहतर जानकारी उपलब्ध कराना है। फिलहाल, Bharat NCAP (Bharat New Car Assessment Program) का पालन वाहन निर्माताओं के लिए वॉलेंटरी है, जिसका मतलब है कि सभी कारों पर यह सिक्योरिटी लेबल नहीं हो सकता। हालांकि, इस प्रोग्राम के तहत टेस्ट किए गए वाहनों पर लेबल अवश्य होगा और इसमें एक QR कोड भी होगा, जिससे डिटेल्ड क्रैश टेस्ट रिपोर्ट तक पहुंच संभव होगी।
 

Bharat NCAP के तहत टेस्ट की गई कारें
Bharat NCAP की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी और तब से कई निर्माता सरकारी नेतृत्व वाली इस क्रैश टेस्टिंग पहल के लिए अपनी कारें भेज रहे हैं। अब तक टाटा मोटर्स ने हैरियर, सफारी, पंच ईवी, और नेक्सन ईवी समेत अपनी ज्यादातर कारों का टेस्ट कराया है, जिनमें सभी को 5-स्टार सिक्योरिटी रेटिंग मिली है। मारुति सुजुकी और हुंडई की कारों के भी जल्द ही इस लाइनअप में शामिल होने की उम्मीद है, हालांकि उनके आधिकारिक नतीजे अभी घोषित नहीं किए गए हैं।

Bharat NCAP क्या है?
Bharat NCAP के तहत सभी कारों को कम से कम 3-स्टार रेटिंग हासिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (ESC) से लैस होना अनिवार्य है। इस व्हीकल वैल्यूएशन प्रोग्राम को अपडेटेड Global NCAP और Euro NCAP प्रोटोकॉल के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। भारतीय कार निर्माता अपनी कारों को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 197 के तहत वॉलेंटरी टेस्ट के लिए जमा कर सकते हैं। इसके अलावा Bharat NCAP लोकल लेवल पर निर्मित या आयातित कारों का चयन कर उन्हें रैंडम क्रैश टेस्ट के लिए भी बुला सकता है।

(मंजू कुमारी) 

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