Acquisition: बजाज ऑटो ने पूरा किया ऑस्ट्रेलिया की मशहूर बाइक निर्माता कंपनी का अधिग्रहण
केटीएम ब्रांड पर पूर्ण नियंत्रण मिलने से बजाज ऑटो के लिए तकनीक, डिजाइन और प्रोडक्ट डेवलपमेंट में आगे बढ़ने का रास्ता खुल गया है। भविष्य में दोनों कंपनियां विस्तार के नए अवसर गढ़ेंगी।
बजाज ऑटो ने ऑस्ट्रियन मोटरसाइकिल ब्रांड KTM (केटीएम) में अपनी बहुमत हिस्सेदारी का अधिग्रहण
Acquisition: बजाज ऑटो लिमिटेड ने ऑस्ट्रियन मोटरसाइकिल ब्रांड KTM (केटीएम) में अपनी बहुमत हिस्सेदारी का अधिग्रहण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। करीब 800 मिलियन यूरो की इस बड़ी डील को यूरोपीय नियामकों से सभी आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद यह सौदा आधिकारिक रूप से पूरा हुआ।
डील के साथ समूह कंपनियों के नाम बदले
- अधिग्रहण पूरा होने के बाद बजाज समूह से जुड़ी कई कंपनियों के नामों में बड़ा बदलाव किया गया है— Pierer Bajaj AG (PBAG) का नाम बदलकर अब Bajaj Auto International Holdings AG कर दिया गया है।
- Pierer Mobility AG (PMAG)—जो KTM AG की मूल कंपनी थी और ज्यूरिख तथा वियना स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है— अब इसका नया नाम Bajaj Mobility AG है। इस संबंध में बजाज ऑटो ने नियामक फाइलिंग के जरिए जानकारी दी।
डील से पहले हिस्सेदारी कैसी थी?
- इस साल मई में बजाज ऑटो ने बताया था कि वह अपनी सहायक कंपनी Bajaj Auto International Holdings BV (BAIHBV) के जरिए केटीएम में अधिक हिस्सेदारी लेगी।
- डील से पहले बजाज के पास PBAG में 49.9% हिस्सेदारी थी, जबकि बाकी हिस्सेदारी स्टेफन पीयरर की कंपनी Pierer Industrie AG के पास थी। PBAG के पास PMAG/KTM में लगभग 75% हिस्सेदारी थी। इस संरचना के कारण बजाज का KTM में अप्रत्यक्ष प्रभावी हिस्सा लगभग 37.5% था।
अब KTM पर बाजाज का पूरा नियंत्रण
18 नवंबर 2025 को BAIH ने PBAG के सभी 50,100 शेयर खरीद लिए, जिसके बाद— PBAG अब BAIH की 100% स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई। PBAG के जरिए बजाज ऑटो का PMAG/KTM में नियंत्रण बढ़कर 74.9% हो गया। इस तरह बजाज ऑटो अब KTM ब्रांड पर पूर्ण नियंत्रण रखता है।
कंपनियाँ बनीं बजाज ऑटो की स्टेप-डाउन सब्सिडियरी
- अधिग्रहण पूरा होने के बाद PBAG अब BAIH की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी और बजाज ऑटो की स्टेप-डाउन सब्सिडियरी बन गई है। PMAG/KTM भी अब बजाज समूह की स्टेप-डाउन सब्सिडियरी हो चुकी है।
- पीयरर ग्रुप पूरी तरह बाहर हो चुका है और दोनों कंपनियों के आधिकारिक नाम बदल दिए गए। सुपर्वाइजरी बोर्ड और मैनेजमेंट बोर्ड का पुनर्गठन भी कर दिया गया है।
इस अधिग्रहण का महत्व
यह डील बजाज ऑटो के लिए कई मायनों में बड़ी है। प्रीमियम और ग्लोबल मोटरसाइकिल मार्केट में इसकी स्थिति अब पहले से कहीं मजबूत हो गई है।
(मंजू कुमारी)