केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी Hydrogen Car से पहुंचे संसद: कहा- 'यह है भारत का फ्यूचर'; जानें क्या है इसकी खासियत और फायदे

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने Toyota Mirai हाइड्रोजन कार से संसद पहुंचकर ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा दिया। भारत में इस कार का फ्यूचर क्या है? जानिए इतिहास, खासियतें, महत्व और कीमत।

Updated On 2025-12-11 17:18:00 IST

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी Hydrogen Car से पहुंचे संसद।

Hydrogen Car: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी गुरुवार को जब संसद पहुंचे तो लोगों की नजर उनकी हाइड्रोजन से चलने वाली कार पर ठहर गई। मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में आज टोयोटा किर्लोस्कर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (NISE) के बीच हाइड्रोजन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए MoU साइन हुआ है।

वे जिस कार को खुद ड्राइव करके संसद पहुंचे, वह टोयोटा मिराई (Toyota Mirai) है। ‘मिराई’ जापानी शब्द है जिसका अर्थ है- भविष्य। यह गाड़ी जीरो एमिशन, कम आवाज और पूरी तरह हाइड्रोजन से चलने वाली तकनीक पर आधारित है। कार चलते वक्त सिर्फ पानी की भाप छोड़ती है।

क्या है हाइड्रोजन कार?

हाइड्रोजन कार ऐसी इलेक्ट्रिक कार होती है, जिसमें बैटरी की जगह फ्यूल सेल का उपयोग किया जाता है।

  • इसमें हाइड्रोजन गैस को टैंक में स्टोर किया जाता है।
  • हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की रासायनिक क्रिया से बिजली बनती है।
  • इसी बिजली से कार का मोटर चलता है।
  • एग्जॉस्ट से सिर्फ पानी की भाप निकलती है, कोई प्रदूषण नहीं।

हाइड्रोजन कार के फायदे

1. जीरो एमिशन: कार से सिर्फ पानी की भाप निकलती है—धुआं, CO₂, NOx कुछ भी नहीं।

2. बैटरी EV से तेज चार्जिंग: हाइड्रोजन कार को 3–5 मिनट में फ्यूल भरकर दोबारा चलाया जा सकता है।

3. लंबी रेंज: एक बार फ्यूल भरने पर लगभग 600–700 किमी तक की यात्रा आराम से की जा सकती है।

4. शांत और स्मूद ड्राइव: इसमें इंजन नहीं, मोटर है, इसलिए आवाज बेहद कम।

5. भारी वाहनों में भी उपयोगी: ट्रक्स, बसें, मेट्रो- सबमें हाइड्रोजन भविष्य में बेहद उपयोगी साबित होगी।

भारत में हाइड्रोजन कार क्यों जरूरी?

1. प्रदूषण कम करने का बड़ा लक्ष्य
दिल्ली जैसे शहरों में बढ़ता प्रदूषण गंभीर चुनौती है। हाइड्रोजन कारें इस समस्या का समाधान प्रदान कर सकती हैं।

2. पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता खत्म
भारत कच्चे तेल का 85% आयात करता है। हाइड्रोजन और ग्रीन ऊर्जा से देश की विदेशी निर्भरता कम होगी।

3. ‘ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ से घरेलू उत्पादन
भारत 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादक बनने का लक्ष्य रखता है। इससे रोजगार, उद्योग और स्वदेशी तकनीक तेज़ी से बढ़ेगी।

4. EV चार्जिंग जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर बाधा नहीं
हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन स्थापित कर देश में नई ऊर्जा प्रणाली विकसित की जा सकती है।

हाइड्रोजन कार का इतिहास

  • 1966: जनरल मोटर्स ने दुनिया की पहली हाइड्रोजन कार Electrovan बनाई।
  • 1990-2000: जापान, अमेरिका और जर्मनी ने फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर बड़े स्तर पर रिसर्च शुरू किया।
  • 2014: Toyota ने पहली कमर्शियल हाइड्रोजन कार Mirai लॉन्च की।
  • 2020-2024: दुनिया में लगभग 60 हजार से अधिक हाइड्रोजन कारें सड़क पर उतर चुकी हैं।
  • भारत: 2022 में Toyota और सरकार ने मिलकर Mirai का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया।

हाइड्रोजन कार की खासियतें

1. फ्यूल सेल तकनीक: पेट्रोल-डीजल नहीं, सिर्फ हाइड्रोजन गैस से चलती है।

2. बेहद सुरक्षित टैंक: उच्च-दबाव वाले टैंकों का कठोर सुरक्षा परीक्षण किया जाता है।

3. कम मेंटेनेंस: कोई इंजन नहीं, इसलिए सर्विसिंग कम और लंबी उम्र।

4. एनवायरनमेंट-फ्रेंडली: भविष्य की स्वच्छ और टिकाऊ यात्रा का सबसे आधुनिक विकल्प।

भारत में हाइड्रोजन कार का फ्यूचर ? (Hydrogen Car in India)

भारत में हाइड्रोजन कार महंगी होगी या सस्ती?

कार की कीमत (On-Road Price अनुमान): अभी भारत में हाइड्रोजन कारें कमर्शियल बिक्री में नहीं हैं, लेकिन Toyota Mirai की अंतरराष्ट्रीय कीमत और भारतीय टैक्स स्ट्रक्चर के आधार पर अनुमान-

  • Toyota Mirai की अनुमानित भारत कीमत: ₹55–70 लाख
  • (विदेश में इसकी कीमत लगभग $49,500–$66,000 है)

इसलिए शुरुआती फेज में हाइड्रोजन कारें लक्जरी EVs की रेंज में होंगी, बजट कार की तरह नहीं।


हाइड्रोजन कार चलाने का खर्च (Running Cost)

  • 1 किमी चलने का खर्च: ₹5-₹6
  • क्यों?: 1 किलो हाइड्रोजन से 100-120 किमी तक रेंज मिलती है।
  • भारत में पायलट प्रोजेक्ट स्तर पर इसका अनुमानित दाम: ₹500-₹600 प्रति किलो।

तुलना

वाहन प्रकार

1 किमी खर्च

पेट्रोल कार

₹8-₹12

डीजल कार

₹6-₹8

इलेक्ट्रिक कार (EV)

₹1-₹2

हाइड्रोजन कार

₹5-₹6

EV चलाने में सबसे सस्ती, हाइड्रोजन EV से थोड़ी महंगी, लेकिन पेट्रोल–डीजल से सस्ती।

हाइड्रोजन कार का मेंटेनेंस खर्च

हाइड्रोजन कार का मेंटेनेंस बहुत ही कम है। देखा जाए तो एकदम EV की तरह है। इसकी वजह यह है कि हाइड्रोजन कार में इंजन, गियरबॉक्स और क्लच नहीं होते हैं, इसलिए मेंटेनेंस पेट्रोल-डीजल से बहुत कम होगा।

भारत में हाइड्रोजन कार महंगी क्यों पड़ सकती है?

कारण 1: हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन बेहद कम
देश में अभी 2-3 पायलट स्टेशन ही हैं। जब नेटवर्क बढ़ेगा, लागत कम होगी।

कारण 2: हाइड्रोजन का उत्पादन अभी महंगा
ग्रीन हाइड्रोजन बनाना अभी 4-5 गुना महंगा है। लेकिन सरकार 2030 तक उत्पादन लागत 75% तक घटाने का लक्ष्य रखती है।


कारण 3: टेक्नोलॉजी अभी नई है
नई तकनीक होने के कारण शुरुआती मॉडल महंगे रहते हैं, जैसे 2015 में EVs महंगे थे।

भविष्य में यह सस्ती होगी या महंगी?

2028–2030 तक
भारत में ग्रीन हाइड्रोजन का बड़े स्तर पर उत्पादन हो रहा है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में नए फ्यूल स्टेशन बनेंगे और सरकारी सब्सिडी के साथ Toyota, Hyundai, Tata जैसी कंपनियों की एंट्री होगी। इससे हाइड्रोजन कारें ₹20-30 लाख रेंज में आ सकती हैं, ठीक आज की MG ZS EV या Tata Harrier EV की तरह।

2035 के बाद
हाइड्रोजन कारें मिड-सेगमेंट (₹12-20 लाख) तक पहुंच सकती हैं।

भारत में हाइड्रोजन कार बजट के मामले में कैसी है?

तुलना

कीमत

चलने का खर्च

मेंटेनेंस

पेट्रोल

सस्ती

सबसे महंगा

ज्यादा

डीजल

मध्यम

पेट्रोल से सस्ता

ज्यादा

इलेक्ट्रिक (EV)

मध्यम

सबसे सस्ता

कम

हाइड्रोजन कार

अभी महंगी

EV से महंगी, पेट्रोल से सस्ती

कम

आज की तारीख में हाइड्रोजन कार लक्जरी प्रोडक्ट है, लेकिन 2030 के बाद यह मिड-रेंज सेगमेंट में आ सकती है।

Tags:    

Similar News