सावधानः आप पर आयकर विभाग की सात आंखें, समय पर भरें टैक्स

सावधानः आप पर आयकर विभाग की सात आंखें, समय पर भरें टैक्स
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मुख्य तौर पर वित्तीय लेन देन के सात तरीकों की एआईआर पर आयकर विभाग खास नजर रखता है।
नई दिल्ली. अगर आप समझते हैं कि आप स्मार्ट हैं और आपकी किसी भी वित्तीय स्थिति का किसी को पता नहीं चल रहा है, तो आप मुगालते में हैं। दरअसल आप जो भी बड़े वित्तीय लेनदेन कर रहे हैं, उस पर आयकर विभाग की नजरें हैं।
आम बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ा कर सरकार ने बेशक आपकी पोटली में कुछ रुपये दे दिए हैं, लेकिन आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आपकी ओर से किए गए सभी बड़े वित्तीय लेन-देन पर कई संस्थाओं की नजर रहती है। यही नहीं, आपकी ओर से किए गए निवेश, बचत, खरीददारी- सभी की बाकायदा रिपोर्ट भी बना कर आयकर विभागों को भेजी जाती है।
दरअसल इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 285(बी)(ए) के तहत कुछ चुनिंदा व्यक्तियों/संस्थाओं को किसी कारोबारी साल के दौरान हुए कुछ चुनिंदा वित्तीय लेन-देन के बारे में एनुअल इन्फॉर्मेशन रिटर्न (एआईआर) भरना होता है। एआईआर भरने की जिम्मेदारी उन संस्थाओं की होती है, जिनके जरिए वित्तीय लेन-देन किए जाते हैं। जो संस्था एआईआर दाखिल करती है, उसकी जिम्मेदारी यह भी होती है कि वह वित्तीय लेन-देन करने वाले व्यक्ति के पैन नंबर का उल्लेख करे। मुख्य तौर पर वित्तीय लेन देन के सात तरीकों की एआईआर पर आयकर विभाग खास नजर रखता है।
1. बचत खाते में 10 लाख से अधिक जमा करना
जब किसी एक साल के दौरान किसी व्यक्ति के बचत खाते में 10 लाख रुपये या इससे अधिक की रकम जमा की जाती है, तो उस बैंक की जिम्मेदारी होती है कि वह इसकी सूचना इनकम टैक्स अथॉरिटीज को दे।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, और किन-किन लेनदारियों पर आयकर विभाग नजर आप पर है-
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