RAW Operation in Pakistan: भारत ने बीते चार सालों में पाकिस्तान में 20 हत्याएं करवाने की साजिश रची है। जानी मानी इंटरनेशनल मीडिया ऑर्गनाइजेशन द गार्जियन (The Guardian) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि भारत ने विदेशों में रहने वाले वांटेड आतंकवादियों को खत्म करने की अपनी रणनीति के तहत पाकिस्तान में लोगों की हत्याएं कराईं। कथित ऑपरेशन कथित तौर पर भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एलासिसिस् ( RAW) एजेंट्स द्वारा किए गए थे। 

अज्ञात बंदूकधारियों ने की हत्याएं
लंदन आधारित न्यूज वेबसाइट ने कहा है कि है कि साल 2029 के बाद इन 20 हत्याओं को पाकिस्तान में कुछ अज्ञात बंदूकधारियों ने अंजाम दिया। पहले भारत को इन हत्याओं से अनौपचारिक तौर पर जोड़ा जाता था। यह पहला मौका है जब भारत के खुफिया सूत्रों ने पाकिस्तान में चलाए गए कथित ऑपरेशन में भारतीय खुफिया एजेंसी की संलिप्तता होने की बात कही है। इसके साथ ही इन हत्याओं में रॉ की सीधी संलिप्तता से जुड़े विस्तृत रिपोर्ट भी देखे गए हैं। 

भारत पर पहले भी लग चुके हैं ऐसे आरोप
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारत को इस तरह के आरोपों का सामना करना पड़ा है। यह तीसरा मौका है जब भारत पर विदेशी धरती पर अपने दुश्मनों को खत्म करने का आरोप लगा है। सबसे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री ने ऐसा ही आरोप लगाया था। ट्रूडो ने कहा था कि भारत ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवाई। इसके बाद अमेरिका ने भी दावा कि उसने अमेरिका में भारत की ओर से खालिस्तानी आतंकी गुरवंत सिंह पन्न की हत्या की साजिश विफल की। 

यूएई में भारतीय खुफिया स्लीपर सेल?
रिपोर्ट के अनुसार,संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में बैठे भारतीय खुफिया स्लीपर सेल ने इन हत्याओं को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। 2023 में हत्याओं में वृद्धि का श्रेय इन स्कीलीपर सेल की बढ़ी हुई गतिविधि को दिया जा सकता है। कथित तौर पर पाकिस्ज्तान में हत्याओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय अपराधियों या लोगों की भी मदद ली गई। इसके बदले उन्हें मोटी रकम दी गई होगी। इसके साथ ही भारतीय एजेंटों ने भी इन गोलीबारी को अंजाम देने के लिए जिहादियों की भर्ती भी की होगी। 

क्या भारत ने ली मोसाद और केजीबी से प्रेरणा?
रिपोर्ट में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का संदर्भ देते हुए दावा किया गया है कि भारत ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी केजीबी से प्रेरणा लेकर इन हत्याओं को अंजाम दिया। हालांकि, भारतीय अफसरों ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है और इसे "झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" करार दिया है।