क्या आपने देखी है दिल्ली की 'नमक हराम' हवेली? जानिए इसके राज..
क्या आपने देखी है दिल्ली की 'नमक हराम' हवेली? जानिए इसके राज..
'नमक हराम की हवेली' दिल्ली के चांदनी चौक स्थित कूचा घसीराम गली में है।
यह हवेली 19वीं सदी की शुरुआत में भवानी शंकर खत्री की थी, जिन्होंने ब्रिटिश शासन का साथ दिया था।
जिसके कारण जनता ने उन्हें 'गद्दार' और 'नमक हराम' कहा।
खत्री ने अपने ही देश के खिलाफ अंग्रेजों का साथ दिया था, इसलिए इसे'नमक हराम की हवेली' कहते हैं।
उस समय से ही हवेली का यह नाम प्रचलित हो गया, और लोग वहां से गुजरते हुए 'नमक हराम' कहते थे।
आज भी यह हवेली अस्तित्व में है और इसमें कई किरायेदार रहते हैं।
यह हवेली लगभग 200 साल पुरानी मानी जाती है।
इसे गद्दारी और वफादारी के संदर्भ में आज भी एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में देखा जाता है।
भले ही यह हवेली बदनाम हो, लेकिन यहां की वास्तुकला आज भी लोगों को अपनी ओर खींचती है।
क्या आपने देखी है दिल्ली की 'नमक हराम' हवेली? जानिए इसके राज..
क्या आपने देखी है दिल्ली की 'नमक हराम' हवेली? जानिए इसके राज..










