तीन रंग के होते हैं पासपोर्ट, जो बताते हैं किस देश की यात्रा पर हैं आप

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By - ?????? ??? |19 Sept 2015 6:30 PM
पासपोर्ट को एक शख्स की पहचान के सबसे पुख्ता दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है।
नई दिल्ली. आप यह तो जानते हैं कि विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट जरूरी है, लेकिन आपको यह पता है कि भारत में ही तीन तरह के पासपोर्ट होते हैं। तीनों का अलग-अलग महत्व होता है। विदेश जाने के अलावा यह महत्वपूर्ण आईडी/एड्रेस प्रूफ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। आइये, जानते हैं किस रंग के पासपोर्ट का क्या काम है।
नीला रंग
रेग्युलर और तत्काल। साधारण लोगों के लिए। नीले रंग का पासपोर्ट भारत के आम नागरिकों के लिए बनाया जाता है। नीला रंग इंडियंस को रिप्रजेंट करता है और इसे ऑफिशियल और डिप्लोमैट्स से अलग रखने के लिए सरकार ने यह अंतर पैदा किया है। इससे कस्टम अधिकारियों या विदेश में पासपोर्ट चेक करने वालों को भी आइडेंटिफिकेशन में आसानी होती है।
क्या-क्या विवरण:
पासपोर्ट में जारी किए गए शख्स का नाम होता है। उसकी बर्थ-डेट, बर्थ-प्लेस का जिक्र होता है। साथ ही उसकी फोटो, सिग्नेचर और उससे जुड़ी कुछ और जानकारियां मौजूद होती हैं। पासपोर्ट को एक शख्स की पहचान के सबसे पुख्ता दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है। जब एक शख्स को पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है तो वो शख्स उस पर दूसरे देश का वीजा लगवाकर यात्रा कर सकता है।
सफेद रंग
ऑफिशियल। सरकारी कामकाज से विदेश जाने वालों के लिए। सफेद रंग का पासपोर्ट गवर्नमेंट ऑफिशियल को रिप्रजेंट करता है। वह शख्स जो सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा जाता है, उसे यह पासपोर्ट जारी किया जाता है। यह ऑफिशियल की आइडेंटिटी के लिए होता है। कस्टम चेकिंग के वक्तउन्हें वैसे ही डील किया जाता है।
क्या-क्या विवरण : सफेद पासपोर्ट के आवेदक को एक अलग से एप्लीकेशन देनी पड़ती है जिसमें बताना होता है कि आखिर उसको इस तरह के पासपोर्ट की जरूरत क्यों है? सफेद पासपोर्ट रखने वालों को कुछ सुविधाएं मिलती है।
महरून रंग
भारतीय डिप्लोमैट्स और सीनियर सरकारी अधिकारियों के लिए। इंडियन डिप्लोमैट्स और सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशियल्स(आईपीएस, आईएएस रैंक के लोग) को मरून रंग का पासपोर्ट जारी किया जाता है। हाई क्वालिटी पासपोर्ट के लिए अलग से एप्लिकेशन दी जाती है। इसमें उन्हें विदेशों में एम्बेसी से लेकर यात्रा के दौरान तक कई सुविधाएं दी जाती हैं। देशों में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है।
क्या-क्या विवरण: डिप्लोमेटिक पासपोर्ट उन लोगों को जारी किया जाता है जो भारतीय उच्चायोग के अधिकारी या फिर सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का रंग भी सामान्य पासपोर्ट से अलग इसलिए ही रखा जाता है। इससे उनकी पहचान अलग से की जा सकती है। इसके लिए अलग एप्लिकेशन देनी होती है जिसमें बताना होता है कि उसको डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की जरूरत क्यों है? विदेश में ऐसे पासपोर्ट धारक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना आसान नहीं रहता।
बनने की अवधि
1. सामान्य: 10-20 दिन
2. तत्काल: 3-7 दिन (इसका 2000 रु. ज्यादा खर्च है) तत्काल पासपोर्ट के लिए रेग्युलर पासपोर्ट की तरह ही इसमें सारी जानकारियां ऑनलाइन भरनी होती हैं। इससे अलग आवेदक को एनेग्जर-आई भरना होता है, जिसमें वह अपने बारे में सारी घोषणा करता है। दूसरे एक फस्र्ट क्लास गजेटेड ऑफिसर की तरफ से वेरिफिकेशन देना होता है। वह ऑफिसर वेरिफाई करता है कि वह आवेदक को जानता है। इसके बाद रजिस्टर्ड डाक से पासपोर्ट को आवेदक के घर भेजा जाता है।
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