72 घंटे बाद बाहर निकाला गया मजदूर, पिता देने वाले थे चिता को मुखाग्नि तभी आया फोन

भूलवश किसी अन्य के शव को प्रकाश का शव मानकर उसे उसके घर भेज दिया गया था।

इससे भारत के एक भरोसेमंद दवा निर्यातक की पहचान पर खतरा बना हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के एक ताजा अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।

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