72 घंटे बाद बाहर निकाला गया मजदूर, पिता देने वाले थे चिता को मुखाग्नि तभी आया फोन
भूलवश किसी अन्य के शव को प्रकाश का शव मानकर उसे उसके घर भेज दिया गया था।

यह दैवीय कृपा ही मानी जाएगी कि ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले का 28 वर्षीय एक मजदूर चेन्नई में एक भवन ढहने के 72 घंटे बाद मलबे से सुरक्षित बाहर निकला। इस हादसे में 61 लोगों की जान चली गयी। चेन्नई के उपनगरीय क्षेत्र मौलिवक्कम में शनिवार को 11 मंजिला भवन ढह गया था।
जिले के राजनगर के निवासी प्रकाश राउत 72 घंटे तक मलबे में फंसे रहने के बाद बचकर बाहर निकले। प्रकाश को मृत मान लिया गया था और उसके परिवार में शोक छा गया था। दरअसल भूलवश किसी अन्य के शव को प्रकाश का शव मानकर उसे उसके घर भेज दिया गया था। उनके परिवार वाले उस शव का अंतिम संस्कार भी करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही प्रकाश के जिंदा बच निकलने की खबर उनके घर पहुंच गयी।
बचावकर्मियों ने निर्माणाधीन भवन गिरने के 72 घंटे के बाद प्रकाश को मलबे से जिंदा निकाला। प्रकाश के पिता सुखदेव राऊत ने कहा, हम पुरी के स्वर्गद्वार में (दूसरे) शव को मुखाग्नि देने वाले थे लेकिन उसी वक्त प्रकाश ने फोन किया और हम खुशी के मारे उछल पड़े। बता दें कि चेन्नई से 20 किलोमीटर दूर मोउली वक्कम में शनिवार को 11-मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। मलबे में कम से कम पचास लोग दब गए थे।
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