कौन हैं गुड्डू जमाली: पूर्वांचल की कितनी सीटों पर है सियासी प्रभाव, मायावती के करीबी शाह आमल ने क्यों छोड़ी बसपा, जानें सब कुछ

Who is Shah Alam Guddu Jamali: राज्यसभा चुनाव में विधायकों के बागी तेवर देख समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक्टिव हो गए हैं। पार्टी के पुराने जनाधार वाले नेताओं की घर वापसी कराने में जुट गए हैं। बुधवार को पूर्वांचल के कद्दावर बसपा नेता शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली ने सपा का दामन थाम लिया। गुड्डू जमाली के आने से समजावादी पार्टी आजमगढ़ क्षेत्र में मजबूत होगी। पार्टी उन्हें एमएलसी बना सकती है।
"मैं गुड्डू जमाली जी का स्वागत करता हूं। 24 में भविष्य की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। इस पार्टी में आपको रहकर अपने घर जैसा लगेगा, आप अपनी पार्टी में वापस आए हैं।"
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/WygL9ZjPu1
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 28, 2024
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पूर्वांचल के बड़े नेता हैं। खासकर, मुस्लिम समुदाय में उनकी जबरदस्त पकड़ है। गुड्डू जमाली आजमगढ़ के जमालपुर गांव के निवासी हैं। प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ से ग्रहण करने के बाद जामिया मिलिया विवि से बीकॉम और एमबीए किया। पूर्वांचल कंस्ट्रक्शन कंपनी में के एमडी हैं। उनके पिता सीनियर अधिवक्ता हैं।
UP के सबसे अमीर नेता हैं गुड्डू जमाली
शाह आलम गुड्डू जमाली की गिनती यूपी के अमीर नेताओं व बड़े कारोबारियों में होती है। उनके पास कई स्कूल कॉलेज व कंपनियां हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दाखिल हलफ़नामे में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 196 करोड़ के करीब बताई थी। इसमें 188 करोड़ के चल और 84 करोड़ की अचल संपति शामिल थी। उस समय उन पर 31 करोड़ की देनदारियां भी थीं।
गुड्डू जमाली पॉलिटिकल कॅरियर
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली 2012 और 2017 में उत्तर प्रदेश की मुबारकपुर विधानसभा से बसपा की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे। 2014 और 2022 में आजमगढ़ लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2022 में गुड्डू जमाली की वजह से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव भी हार गए थे। जमाली ने बड़ी संख्या में सपा के मुस्लिम वोट ले गए, जिस कारण बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के मजबूत किले आजमगढ़ में सेंध लगा पाने में कामयाब हो गई थी।
बढ़ रहा है PDA परिवार, जो बदल देगा इतिहास! pic.twitter.com/1oSx0pLI3e
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 28, 2024
कमजोर हो रही बसपा, जमाली को सपा से उम्मीदें
जमाली मुस्लिम समुदाय के जनाधार वाले नेता और बड़े कारोबारी हैं। लेकिन पूर्वाचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से हिंदुत्व की राजनीति का उभार हुआ है और भाजपा ने अपना प्रभाव बढ़ाया है, उससे विपक्ष के नेताओं के समक्ष अस्तित्व को बचाए रखने की चुनौती बन गई है। बसपा भी दिनों दिन कमजोर हो रही है। ऐसे में जमाली को अब सपा से उम्मीदें हैं। सपा को भी उनकी जरूरत थी।