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UP Lok Sabha election 2024 Phase 1 Voting: सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत सहित उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर 19  अप्रैल को सुबह 7 बजे से मतदान है। बुधवार शाम चुनावी शोरगुल थम गया।

UP Lok Sabha election 2024 Phase 1 Voting: उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में 19  अप्रैल को सुबह 7 बजे से मतदान है। उसके 48 घंटे पहले बुधवार शाम चुनावी शोरगुल थम गया। चुनाव आयोग ने बाहरी लोगों को सीमा छोड़ने के निर्देश दिए हैं। प्रत्याशी बड़ी सभा और बैठक नहीं  कर पाएंगे। डोर डोर संकर्प कर सियासी समीकरण साधने पर जोर होगा। 

सहारनपुर में त्रिकोणीय मुकाबला 
सहारनपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने राघव लखनपाल, सपा-कांग्रेस गठबंधन ने इमराम मसूद और बसपा ने माजिद अली को उम्मीदवार बनाया है। 2019 के चुनाव में बसपा के हाजी फजलुर रहमान ने जीत दर्ज की थी। 5 लाख 14 हजार 139 वोट मिले थे। बीजेपी के राघव लखनपाल को 4 लाख 91 हजार 722 वोट और कांग्रेस के इमरान मसूद 2 लाख 7 हजार 68 वोट पाकर मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में यह सीट बीजेपी के राघव लखनपाल ने जीती थी। कांग्रेस के इमरान मसूद दूसरे स्थान पर थे। इस बार तीनों पार्टियों में कड़ी टक्कर है। 

मुजफ्फरनगर में आमने-सामने जाट नेता 
मुजफ्फरनगर में भाजपा से सांसद संजीव बालियान, सपा-कांग्रेस से हरेंद्र मलिक और बसपा से दारा सिंह प्रजापति मैदान में हैं। 2019 में RLD के तत्कालीन अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को 6 हजार वोटों से हराकर संजीव बालियान ने जीत दर्ज की थी। अजीत सिंह को 5,67,254 और संजीव को 573,780 वोट मिले थे। इस बार भाजपा और आरएलडी में गठबंधन है। भाजपा-सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। संजीव बालियान ने 2014 में भी बसपा के कादिर राणा को हराकर जीत दर्ज की थी। 

कैराना में सपा-भाजपा के बीच कड़ी टक्कर 
कैराना लोकसभा सीट में भाजपा के प्रदीप चौधरी, सपा की इकरा हसन और बसपा के श्रीपाल राणा मैदान में हैं। भाजपा और सपा में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। 2019 में भाजपा के प्रदीप चौधरी ने सपा की तबस्सुम हसन को हराया था। तबस्सुम हसन को 4,74,801 और प्रदीप को 566,961 वोट मिले थे। 2018 के उपचुनाव में तबस्सुम हसन ने भाजपा की मृगांका सिंह को हरा दिया था। 2014 में भाजपा के हुकुम सिंह ने सपा प्रत्याशी नाहिद हसन को हराया था। 

बिजनौर में तीनों पार्टियों ने दिए नए चेहरे 
बिजनौर लोकसभा सीट में NDA से RLD के चंदन चौहान, सपा के दीपक सैनी और बसपा के बिजेंद्र सिंह आमने सामने हैं। तीनों पार्टियों ने नए चेहरे उतारे हैं। 2019 में भाजपा के भारतेंद्र सिंह को हराकर बसपा के मलूक नागर सांसद बने थे। टिकट कटने से नाराज नागर ने RLD ज्वाइन कर ली  है। 2019 में उन्हें 556,556   और भाजपा के भारतेंद्र सिंह को 4,86,362 वोट मिले थे। 2014 में सपा के शाहनवाज राणा को हराकर भारतेंद्र सिंह सांसद बने थे। 

नगीना में चतुष्कोणीय मुकाबला 
नगीना लोकसभा में सपा के मनोज कुमार, आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर, भाजपा  के ओम कुमार और बसपा के सुरेंद्र सिंह आमने सामने हैं। पश्चिमी यूपी की इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार हैं। 2019 में बसपा के गिरीश चंद्र ने भाजपा प्रत्याशी यशवंत सिंह को हराया था। यशवंत को 4,01,546 और गिरीश को 568,378 वोट मिले थे। 2014 में यशवंत सिंह सपा के यशवीर सिंह को हराकर सांसद निर्वाचित हुए थे। 

मुरादाबाद में खेल बिगाड़ सकते हैं एसटी हसन 
मुरादाबाद लोकसभा सीट में समाजवादी पार्टी पे रुचि वीरा सिंह, भाजपा ने सर्वेश सिंह और बसपा ने इरफान सैफी उम्मीदवार बनाया है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। 2019 में सपा के एसटी हसन ने भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह को हराया था। जबकि, 2014 में सर्वेश सिंह ने एसटी हसन को हराया था। इस बार टिकट कटने से एसटी हसन नाराज हैं। सपा के लिए वह मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। 

पीलीभीत में वरुण की जगह जितिन प्रसाद 
पीलीभीत लोकसभा सीट में भाजपा ने सिटिंग सांसद वरुण गांधी का टिकट काट कर जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। जबकि, सपा ने भगवत शरण गंगवार और बसपा ने अनीश बाबू खान उतारा है। पीलीभीत भाजपा की मजबूत सीट मानी जाती है, लेकिन वरुण गांधी की नाराजगी भारी पड़ सकती है। 2019 में यहां से वरुण गांधी और 2014 में उनकी मांग मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। 

रामपुर में खलेगी आजम की अनुपस्थिति 
सपा नेता आजम खान की परंपरागत सीट रही रामपुर में भाजपा ने सिंटिंग सांसद घनश्याम लोधी, सपा ने मोहिबुल्ला नदवी और बसपा ने जीशान खान उम्मीदवार बनाया है। त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। 2019 में आजम खान ने भाजपा की जयाप्रदा को तकरीबन सवा लाख वोटों से हराया था। जयाप्रदा को 4,49,180 और आजम खान को 559,177 वोट मिले थे। 2014 में भाजपा के नयपाल सिंह ने सपा के नसीर अहमद को हराया था। 

आठ में से तीन सीट ही जीत पाई थी भाजपा 
उत्तर प्रदेश की पहले चरण वाली आठ लोकसभा सीटों पर पिछली बार काफी नुकसान हुआ था। सपा बसपा गठबंधन ने आठ में से पांच सीटें जीत ली थी। कैराना मुजफ्फरनगर और पीलीभीति सीट ही भाजपा जीत पाई थी, लेकिन RLD से समझौते के बाद सियासी समीकरण इस बार भाजपा के लिए मुफीद दिख रहे हैं। हालांकि, किसानों और कुछ सामाजिक संगठनों की नाराजगी भारी पड़ सकती है। 

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