Lok Sabha Chunav: जालौन में भानु का 'प्रताप', भाजपा ने फिर जताया भरोसा; 5 बार रहे चुके हैं सांसद

Jaluan Lok sabha Seat
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जालौन को ई बार भी भाएं भानु?
Lok Sabha Chunav: बीजेपी ने 2 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए अपने 195 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट में मोदी सरकार के मंत्री और जालौन से सांसद भानु प्रताप वर्मा का भी नाम शामिल है। भानु प्रताप 5 बार सांसद रह चुके हैं। अब वो छठी बार फिर ताल ठोकेंगे।

Lok Sabha Chunav: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 195 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। जिसमें 34 मंत्री भी शामिल है। इस सूची में बुंदेलखंड की जालौन(एससी) संसदीय सीट से 5वीं बार के सांसद और वर्तमान में केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है।

जानिए कौन है भानु प्रताप वर्मा
सांसद भानु प्रताप वर्मा का जन्म 15 जुलाई 1957 में हुआ था। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है। इसके साथ ही वह कोंच विधानसभा से विधायक भी रहे चुके है। अभी केंद्र सरकार में उनको लघु सूक्ष्म, उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया।

नगर पालिका में सभासद चुनाव से की शुरुआत
केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा का राजनीतिक करियर 1990 के दशक से शुरू हुआ। कोंच नगर पालिका में सभासद का चुनाव जीते थे। उसके बाद 1991-92 में उन्हें कोंच विधानसभा से टिकट मिला और जीत हासिल की।

1996 में पहली बार बने सांसद
जालौन सीट से गया प्रसाद कोरी सांसद थे। उनके असमय निधन पर भानु प्रताप वर्मा को उपचुनाव में सांसदी लड़ाई गई। 1996 के उपचुनाव में जीत के बाद उन्हें फिर भाजपा ने आजमाया और वह खरे उतरे। जीत के बाद तीसरी बार फिर चुनाव लड़े, लेकिन इस बार बसपा के बृजलाल खाबरी से उन्हें शिकस्त मिली। उसके बाद वर्ष 2004 में समाजवादी पार्टी के घनश्याम अनुरागी को हराकर भानु प्रताप वर्मा ने जीत हासिल की। वर्ष 2009 में हुए चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहे थे और सपा के घनश्याम अनुरागी ने बसपा के तिलक सिंह अहिरवार को हराकर जीत हासिल की थी।

मोदी लहर में दोनों पर जीते चुनाव
2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के बृजलाल खाबरी से बदला लिया और उन्हें हराया। 2019 के चुनाव में उन्होंने बसपा के अजय सिंह को हराया।

7 में से सिर्फ 2 बार ही हारे चुनाव
वह पिछले सात बार के चुनाव में केवल दो बार ही हारे हैं, जबकि पांच बार लोकसभा पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि साफ सुथरी छवि की वजह से भाजपा ने फिर से प्रत्याशी के रूप में उन्हें चुना है।

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