100 करोड़ की लग्जरी कारें, सबका नंबर एक: तंबाकू कंपनी के 20 ठिकानों पर IT रेड, नोटों के बंडल मिले, विदेशों तक फैला नेटवर्क

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Banshidhar Tobacco Company: इनकम टैक्स विभाग ने उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित बंशीधर तंबाकू कंपनी पर सिलसिलेवार तरीके से छापा मारा। इस दौरान वित्तीय हेरफेर के एक जटिल नेटवर्क का पता चला, जो विभिन्न राज्यों और यहां तक कि विदेशों तक फैला हुआ है।

Banshidhar Tobacco Company: एक रोल्स रॉयस, एक पोर्श, एक लेम्बोर्गिनी.... सभी के लाइसेंस प्लेट पर '4018' का नंबर। तीनों गाड़ियों के सामने एक शख्स ऋतिक रोशन की हिट फिल्म 'कहो ना प्यार है' जैसे किरदार में खड़ा नजर आता है। फिलहाल, हम किसी फिल्म या वेबसीरीज की स्टोरी नहीं सुना रहे हैं। बल्कि इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी के बाद सुर्खियों में आए उत्तर प्रदेश की नामी तंबाकू कंपनी वंशीधर एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का वंशज शिवम मिश्रा की असल कहानी है। कंपनी के दिल्ली, मुंबई, गुजरात समेत 20 ठिकानों पर छापा मारा गया है। आज छापेमारी का दूसरा दिन है। अब तक उसकी बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ है।

कंपनी के 20 ठिकानों पर एक साथ छापा
दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित बंशीधर तंबाकू कंपनी पर सिलसिलेवार तरीके से छापा मारा। इस दौरान वित्तीय हेरफेर के एक जटिल नेटवर्क का पता चला, जो विभिन्न राज्यों और यहां तक कि विदेशों तक फैला हुआ है। कानपुर, दिल्ली, मुंबई और गुजरात सहित 20 स्थानों पर की गई छापेमारी में कंपनी के कथित टर्नओवर में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।

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दिल्ली आवास से मिला खजाना
छापेमारी में इनकम टैक्स विभाग की 10 से 20 टीम शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली स्थित कोठी से 100 करोड़ की कीमत से ज्यादा की लग्जरी और अन्य कारें मिली हैं। उनमें एक रोल्स-रॉयस फैंटम, जिसकी कीमत 16 करोड़ है। यह दिल्ली के वसंत विहार में शिवम मिश्रा के आवास पर मिली। शिवम मिश्रा के आवास से बरामद अन्य हाई एंड लक्जरी कारों में मैकलेरन, पोर्श और लेम्बोर्गिनी शामिल हैं। आईटी टीमों ने कथित तौर पर छापे के दौरान कई दस्तावेजों के साथ 4.5 करोड़ रुपए नकद जब्त किए हैं।

कौन है मास्टरमाइंड?
इस घोटाले का मास्टरमाइंड केके मिश्रा है, जो शिवम का पिता बताया जा रहा है। बंशीधर टोबैको प्राइवेट लिमिटेड तंबाकू उद्योग में एक बड़ा खिलाड़ी है और प्रमुख पान मसाला समूहों को उत्पादों की आपूर्ति के लिए जाना जाता है। रिपोर्टों से पता चलता है कि कंपनी ने 20 से 25 करोड़ की आय घोषित की है, जबकि वास्तविक कारोबार 100-150 करोड़ आंका गया।

छापेमारी से पता चला है कि कंपनी ने न केवल टैक्स चोरी की है, बल्कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नियमों का भी उल्लंघन किया है।

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