'बाबा की कृपा है, अब हम होली मना पाएंगे': मुख्तार अंसारी की मौत पर बोलीं कृष्णानंद राय की पत्नी अलका, काशी विश्वनाथ के किए दर्शन

Alka Rai
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Mukhtar Ansari Death: 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने भाजपा के टिकट पर मुहम्मदाबाद सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी लगातार जीत रहे थे। लेकिन कृष्णानंद राय ने उन्हें इस चुनाव में हरा दिया। इसके बाद से कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच दुश्मनी शुरू हो गई।

Mukhtar Ansari Death: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में आतंक का पर्याय रहे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बाद भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने अपने बेटे पीयूष के साथ वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।

आज हमें न्याय मिल गया
अलका राय ने कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत हुई, इस पर अब मैं क्या कह सकती हूं? यह भगवान का आशीर्वाद है। बाबा की कृपा है। महाराज योगी जी का आशीर्वाद मिला है। मैं न्याय के लिए उनसे प्रार्थना करती थी और आज न्याय मिल गया है। हमने पति कृष्णानंद की राय की हत्या के बाद कभी होली नहीं मनाई। मुझे लगा कि आज हमारे लिए होली है।

जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है
वहीं, कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा कि मुझे पता चला है कि बांदा जेल में उसकी मौत हो चुकी है। मुझे और मेरी मां को बाबा विश्वनाथ और बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद मिला है। बस इतना ही कहूंगा कि कर्म के दायरे से उतरोगे तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी। हमें ये आज देखने को मिला है। इसका फैसला भगवान ने किया है। जो जैसा करता है, उसे वैसा ही फल मिलता है।

मुख्तार पर लगा था कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप

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कृष्णानंद राय।

2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने भाजपा के टिकट पर मुहम्मदाबाद सीट से चुनाव लड़ा था। इस सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी लगातार जीत रहे थे। लेकिन कृष्णानंद राय ने उन्हें इस चुनाव में हरा दिया। इसके बाद से कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच दुश्मनी शुरू हो गई।

29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद राय करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था। इसके लिए वह बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर सामान्य गाड़ी से निकले। शाम को घर लौटते समय उनकी गाड़ी पर चारों तरफ से एके 47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई। उन पर 400 राउंड फायरिंग की गई। कृष्णानंद समेत 7 लोग मारे गए थे। कृष्णानंद के शरीर से 67 गोलियां निकाली गई थीं।

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