अखिलेश यादव का आरोप: BJP और चुनाव आयोग मिलकर 50,000 वोट काटने की कर रही है तैयारी!

अखिलेश यादव ने यूपी में SIR की समय सीमा भी बढ़ाने की मांग की है।
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक गंभीर और बड़ा आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर चुनावी धांधली और वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश रचने का संगीन आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग और बीजेपी के अधिकारियों की मिलीभगत का दावा करते हुए कहा है कि जिन विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी, वहा से विपक्षी मतदाताओं के करीब 50,000 वोट काटे जाने की तैयारी है।
उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए चेतावनी दी है कि समाजवादी लोग इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बहाने साजिश का आरोप
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है। उनका दावा है कि SIR की आड़ में एक सुनियोजित ढंग से उन मतदाताओं की पहचान की जा रही है जो समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं, ताकि उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकें।
यह साजिश हर विधानसभा क्षेत्र में रची जा रही है, लेकिन सपा अध्यक्ष ने विशेष रूप से उन सीटों का उल्लेख किया जहा 2024 के लोकसभा चुनावों में सपा ने जीत हासिल की थी। अखिलेश यादव ने इस दौरान कन्नौज की एक एसडीएम से हुई बातचीत का भी जिक्र करते हुए दावा किया कि बीजेपी सरकार के इशारे पर अधिकारी विपक्षी वोट काटने में लगे हुए हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के हथकंडे अपनाकर बीजेपी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य, जैसे पश्चिम बंगाल, को जीतने का प्रयास कर रही है।
अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव और मिलीभगत का दावा
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार ने अधिकारियों की एक विशेष टीम को इस अवैध काम में लगा दिया है। उनका मानना है कि इन अधिकारियों पर भारी राजनीतिक दबाव है, जिसके चलते वे मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ करने को मजबूर हैं।
अखिलेश यादव ने साफ किया कि अगर यह सिलसिला नहीं रुका, तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे हर हाल में चुनौती देंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए सड़क पर उतरेंगे। उन्होंने प्रशासन को चेताया कि बीजेपी सरकार के इशारे पर किए गए ऐसे काम की जिम्मेदारी अधिकारियों को भविष्य में लेनी होगी।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास अब जीतने के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वह छल और कपट का सहारा ले रही है।
चुनाव आयोग से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की मांग
अखिलेश यादव ने सीधे भारत निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने आयोग से अनुरोध किया है कि सभी राजनीतिक दलों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाए, ताकि मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ हो सके।
इसके साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश में SIR की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है, क्योंकि राज्य में चुनाव अभी दूर हैं और जल्दबाजी में की गई पुनरीक्षण प्रक्रिया में धांधली की आशंका अधिक है। सपा अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी इस पूरी प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखेगी और किसी भी मतदाता का नाम अवैध तरीके से कटने नहीं देगी।
