80 हजार फर्जी वोटर सूची से बाहर: यूपी में डुप्लीकेट वोटर वेरिफिकेशन मामले में बुलंदशहर ने मारी बाजी

यूपी में डुप्लीकेट वोटर वेरिफिकेशन मामले में बुलंदशहर ने मारी बाजी
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सत्यापन में, डुप्लीकेट 3,68,326 मतदाताओं में से 80 हजार मतदाताओं को वास्तव में डुप्लीकेट पाया गया। 

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हुए गहन सत्यापन के बाद, जिले में मतदाता सूची से 80 हजार से अधिक फर्जी मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं।

बुलंदशहर : उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को त्रुटिहीन और पारदर्शी बनाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान में बुलंदशहर जिले ने शानदार प्रदर्शन किया है। जिले ने डुप्लीकेट मतदाताओं के सत्यापन के मामले में पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है।

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हुई इस सघन जाँच में, 80 हजार से अधिक नकली मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जिससे आगामी चुनावों के लिए एक स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची तैयार हो गई है।

शत-प्रतिशत सत्यापन से मिली प्रदेश में सर्वोच्च रैंक

बुलंदशहर जिले ने पंचायत मतदाता सूची में दर्ज डुप्लीकेट मतदाताओं के सत्यापन के काम को शत-प्रतिशत पूरा कर लिया है, जिसके परिणामस्वरूप इसे प्रदेश में प्रथम स्थान मिला है। जिले में कुल 3,68,326 मतदाताओं को डुप्लीकेट श्रेणी में रखा गया था, जिनका गहनता से सत्यापन किया जाना था।

इस कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने और सबसे अधिक फर्जी नाम हटाने के कारण जिले की प्रशासनिक टीम की सराहना हो रही है। इस सफलता ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।

80,000 से अधिक डुप्लीकेट वोटर लिस्ट से बाहर

सत्यापन अभियान के दौरान, डुप्लीकेट माने गए कुल 3,68,326 मतदाताओं में से 80 हजार मतदाताओं को वास्तव में डुप्लीकेट पाया गया और उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज न हो।

वहीं, सत्यापन में यह भी पता चला कि शेष 2,88,326 मतदाता सही पाए गए और उनके नाम सूची में बरकरार रखे गए हैं। इस बड़ी संख्या में नामों को हटाने से मतदाता सूची की विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

निष्पक्ष चुनावों के लिए चुनाव आयोग का महत्वपूर्ण कदम

यह पूरा अभियान भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चलाया गया है। आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में मौजूद सभी प्रकार की गड़बड़ियों, जैसे एक से अधिक नामांकन, मृत मतदाताओं के नाम और अन्य त्रुटियों को दूर करना है।

बुलंदशहर में यह सत्यापन कार्य घर-घर जाकर किया गया ताकि कोई भी योग्य नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न हो और कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदान न कर सके।

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