MP Youth Congress President Vikrant Bhuria resigns: मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने मितेंद्र सिंह को युवा कांग्रेस का नया अध्यक्ष मनोनीति किया है। लोकसभा चुनाव के दौरान विक्रांत भूरिया के इस्तीफे की खबर से MP में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गई है। 

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास वीवी के नाम लिखे त्याग-पत्र में विक्रांत भूरिया ने बताया कि पिताजी (कांतिलल भूरिया) के चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण मैं संगठन को समय नहीं दे पा रहा। जो कांग्रेस और संगठन के सदस्यों के साथ न्याय नहीं है। 

 

विक्रांत भूरिया ने आगे लिखा, युवा कांग्रेस ने मुझ जैसे आदिवासी युवा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और फिर टिकट देकर विधायक बनने का मौका दिया। मैं इसके लिए राहुल गांधी, युवा कॉंग्रेस राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अलावरु, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी का तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। 

कौन हैं मितेंद्र दर्शन सिंह 
मितेंद्र सिंह अभी युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव थे। वह राजस्थान और महाराष्ट्र में युवा कांग्रेस के स्टेट इंचार्ज भी रह चुके हैं। वह पिछड़ा वर्ग और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। मितेंद्र का परिवार पुराना कांग्रेसी है। पिता दर्शन सिंह ग्वालियर शहर अध्यक्ष रह चुके हैं। मितेंद्र ने दो दिन पहले PCC चीफ जीतू पटवारी से मुलाकात की थी।  

विक्रांत भूरिया के इस्तीफे की वजह 

  • विक्रांत भूरिया 2019 में मप्र युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और फिर 2023 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ सीट से कांग्रेस के सिम्बल पर विधायक निर्वाचित हुए। पिता कांतिलाल भूरिया झाबुआ रतलाल सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पहले भी वह यहां से सांसद विधायक और पार्टी के अहम पदों पर रहे हैं। चुनाव के दौरान परिवारवाद के आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस के एक व्यक्ति, एक पद फार्मूले पर भी विक्रांत भूरिया फिट नहीं बैठ रहे थे। लिहाजा, युवा कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा। 
  • विक्रांत भूरिया ने त्याग-पत्र में इस्तीफे की वजह चुनावी व्यस्तता का हवाला दिया है। लेकिन कांग्रेस की वर्तमान परिस्थितयों के हिसाब से भी वह फिट नहीं बैठ रहे थे। जीतू पटवारी प्रदेश अध्यक्ष हैं, उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष यानी दोनों महत्वपूर्ण पद मालवा-निमाड़ में हैं। यूथ कांग्रेस के चुनाव में विक्रांत भूरिया दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के समर्थन से जीते थे। जीतू पटवारी तब भी ग्वालियर के संयज यादव का समर्थन किया था। पीसीसी चीफ बनने के बाद इस पद पर अपना व्यक्ति चाहते थे।