रतलाम में जल सत्याग्रह: कुड़ेल नदी के पानी में 12 घंटे बैठे रहे दर्जनों किसान, पुल निर्माण की मांग 

Ratlam farmers Jal Satyagraha
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रतलाम में किसानों का जल सत्याग्रह।
रतलाम के हतनारा गांव में बुधवार, 18 सितंबर को सड़क और पुल निर्माण की मांग को लेकर किसान 12 घंटे कुड़ेल नदी के पानी में बैठे रहे। बताया कि सड़क के अभाव में वह फसल नहीं काट पा रहे।

Ratlam farmer Jal Satyagraha: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में सड़क और पुलिया निर्माण की मांग को लेकर किसानों ने जल सत्याग्रह शुरू किया है। हतनारा गांव के ग्रामीण सालों से परेशान हैं। दो साल पहले पंचायत ने प्रस्ताव तैयार किया, रोड नहीं बन पाई। उनकी फसलें भी खराब हो रही हैं।

रतलाम से 18 किमी दूर हतनारा गांव से कुड़ेल नदी निकली है। तेज बहाव के चलते लोग अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाते। वाहन भी नहीं जा पाते। जिससे खेत में सोयाबीन की पकी फसलें खड़े-खड़े खराब हो रही है।

नदी के दूसरी तरफ करीब 200 किसानों के 2000 बीघा खेत हैं। उस पर सोयाबीन की फसल पक कर तैयार है, लेकिन खराब रास्ते के चलते वह फसलों की कटाई नहीं कर पा रहे। सड़क और पुलिया बनाने की मांग को लेकर बुधवार शाम उन्होंने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है। सुबह 8 से रात 8 बजे तक वह कुड़ेल नदी के पानी में ही बैठे रहे।

जल सत्याग्रह की सूचना मिलने पर जिला पंचायत एसीईओ निर्देशक शर्मा और चौकी प्रभारी आनंद बागबान पुलिस जवानों के साथ आंदोलन स्थल पर पहुंचे। किसानों को समझाइश दी, लेकिन उन्होंने कहा, सड़क और पुलिया निर्माण के लिए सालों से परेशान हैं, लेकिन हमारी समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। अधिकारियों ने किसानों की बात विधायक मथुरालाल डामर से कराई। इसके बाद भी वह नहीं मानें।

किसान कलेक्टर को बुलाने की जिद पर अड़े थे। हालांकि, रात 8 बजे के बाद वह यह कहते हुए आंदोलन बंद किया कि गुरुवार सुबह फिर सत्याग्रह करेंगे। जब तक कलेक्टर मिलने नहीं आएंगे सत्याग्रह चालू रहेगा।

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