Lokayukta action Indore Collectorate: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बीच रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। इंदौर की लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार 15 अपैल 2024 को 50 हजार की रिश्वत लेते जनजातीय कल्याण विभाग के आयुक्त और क्लर्क को रंगेहाथ पकड़ा है। इन्होंने रिटायर एडिशनल कलेक्टर से लंबित भुगतान के बदले 15 फीसदी रिश्वत मांगी थी। 

हॉस्टल संचालन के लिए किराए पर दिया था माकान 
लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि रिटायर एडिशनल कलेक्टर विक्रम सिंह गहलोत ने एबी रोड स्थित अपना मकान वर्ष 2015 से 2023 तक जनजाति कार्य विभाग को हॉस्टल संचालन के लिए किराए पर दिया था। इस बिल्डिंग में अप्रैल 2023 तक छात्रावास संचालित हुआ, लेकिन करीब 11 लाख रुपए किराया भुगतान शेष है। 

लंबित भुगतान कराने मांगी थी 15% राशि 
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि पूर्व एडिशनल कलेक्टर विक्रम सिंह गहलोत लंबित किराए के भुगतान के लिए परेशान थे। विभाग की क्लर्क उमा मार्सकोले और सहायक आयुक्त विजय जायसवाल उनसे 15% रिश्वत मांग रहे थे। परेशान होकर उन्होंने मामले की शिकायत की, जिसकी पुष्टि कराने के बाद 50 हजार के कैमिकल युक्त नोट देकर भेजे थे। क्लर्क ने जैसे ही नोट हाथ में लिए और सहायक आयुक्त को कॉल किया, नोटों के साथ ट्रैप कर लिया गया। 

सहायक आयुक्त ने उमा के जरिए मांग रिश्वत 
लोकायुक्त पुलिस ने विक्रम सिंह गहलोत की शिकायत पर कार्रवाई की है। उन्होंने बतया कि सहायक आयुक्त विजय जायसवाल से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने उमा को राशि सौंपने के लिए कहा था। पुलिस ने दोनों हिरासत में लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।