EOW investigation on Iqbal Singh Bais: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं। आजीविका मिशन में हुईं फर्जी नियुक्तियों व अन्य मामले में उनके खिलाफ मिली शिकायत की जांच के लिए आर्थिक  अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने सरकार से अनुमति मांगी है। मामले में तीन रिटायर्ड IAS का भी नाम शामिल है। 

आजीविका मिशन के तहत वर्ष 2017-18 में नियम विरुद्ध नियुक्तियां कर व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया। 12 फरवरी को इसे लेकर ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई गई है। कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता आरके मिश्रा ने CJM कोर्ट में परिवाद दायर किया था, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 28 मार्च तक ईओडब्ल्यू से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। 

आरके मिश्रा ने कोर्ट में बताया कि नियुक्तियों में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा आईएएस नेहा माव्याल को सौंपा गया। 8 जून 2022 को उन्होंने रिपोर्ट सौंपी। जिसमें गड़बड़ी स्वीकारी गई, लेकिन प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हो पाया। सीनियर IAS अशोक शाह और मनोज श्रीवास्तव ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की और बाद में ललित मोहन बेलवाल से इस्तीफा दिलवाकर मामला दबाने की कोशिश की गई।
 

कांग्रेस ने सरकार साधा निशाना 
  • कांग्रेस इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने X पर पोस्ट कर पांच सवाल पूछे। बताया कि पांच साल में MP के 76 अफसरों के यहां छापे पड़े, लेकिन 62 मामलों में जांच चल रही है। जिन 6 मामलों की जांच पूरी हुई है, सरकार ने केस चलाने की मंजूरी नहीं दी। 8 मामले कोर्ट में हैं। 
  • पूर्व मंत्री व पीसीसी चीफ पटवारी ने भाजपा सरकार और इकबाल सिंह बैस के रिश्तों पर कमेंट किया। कहा, इकबाल पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी हैं, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री कौन-सी नीति/नीयत के तहत उनकी गड़बड़ी पर पर्दा डाल रहे हैं?