Teachers Day Special: MP का ऐसा गांव जहां साक्षरता दर 90 प्रतिशत, हर घर से निकले अधिकारी-कर्मचारी

Padiyal Village in Dhar
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Padiyal Village in Dhar
Dhar News: धार जिले के पड़ियाल गांव में साक्षरता की दर 90 प्रतिशत है। यहां हर घर से अधिकारी-कर्मचारी निकले हैं।

भोपाल (दीपेश कौरव): शिक्षा सबकुछ बदलने की क्षमता रखती है। इसका बड़ा उदाहरण मप्र के मालवा अंचल का गांव पड़ियाल है। 5 हजार 500 की आबादी वाले इस गांव से 100 से अधिक अधिकारी निकल चुके हैं, जो देश-प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। गांव में हर घर से औसत एक शासकीय कर्मचारी भी हैं, जिनकी संख्या 300 है।

हम बात कर रहे हैं धार जिले के डही विकासखंड के पड़ियाल गांव की। यहां की साक्षरता दर 90 प्रतिशत है। अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल में लोग सिर्फ अफसर बनने का सपना देखते हैं। साथ ही यहां के युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में कोई इंजीनियर है तो कोई बिजनेस कर रहा है। गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षकों द्वारा 702 विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

शिक्षा की बेहतरी के लिए कई कार्य किए 
इस क्षेत्र में लंबे समय से बीआरसी के पद पर कार्य कर रहे मनोज दुबे ने शिक्षा की बेहतरी के लिए कई कार्य किए हैं। नतीजतन यहां शिक्षा की दर काफी ऊंची है। उन्होंने बताया कि गांव के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होकर जन-सेवा के कार्य कर रहे है। वर्तमान में अध्ययन कर रहे युवा बड़ों से प्रेरणा पाकर उच्च शिक्षा हासिल कर रहे है। गांव का सामाजिक ताना-बुना शिक्षा पर केन्द्रित रहता है।

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बीआरसी दुबे के मुताबिक, पड़ियाल में कक्षा 6 से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल में स्मार्ट क्लासेस शुरू की गई है। इस साल नीट में यहां के 4 विद्यार्थी जबकि जेईई मेंस में 3 विद्यार्थी चयनित होकर डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं।

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गांव के वो लोग जो बने अधिकारी

  • एसपी सिंह (डीआईजी), लक्ष्मण सिंह सोलंकी (एडिशनल एसपी), नरेंद्र पाल सिंह (कार्यपालन यंत्री), एमपी सिंह (एसी पीडब्ल्यूडी), डीएस रणदा (अपर संचालक ग्रामीण विकास), नवल सिंह डोडवा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), बीएस चैहान (डीपीओ गृह विभाग), अर्जुन सिंह जमरा (एसडीओ पीडब्ल्यूडी), महेंद्र सिंह अलावा (महाप्रबंधक एयरपोर्ट नई दिल्ली), पर्वत सिंह अलावा (आईईएस रेलवे), महेंद्र पाल अलावा (आईईएस वायरलेस एंड लोकल लूप
  • मेडिकल ऑफिसर, डॉक्टर सुमेर सिंह अलावा, डॉक्टर के.सी. राणे, डॉक्टर केवल सिंह जमरा, लोकेन्द्र अलावा (एसडीओ आरईएस), करण रणदा (एसीएफ), सुखलाल अलावा (परियोजना अधिकारी जिला पंचायत), सुरेंद्र अलावा (प्रबंधक हेल्थ विभाग), मनीष अलावा (प्रबंधक उद्योग), मुकेश नंदा (एईओ आबकारी), विजेंद्र सिंह मुझाल्दा (प्लाटून कमांडर) सहित अन्य उच्च पदों पर अधिकारी बन देश-प्रदेश में सेवाएं दे रहे है। 
  • इस गांव की बेटियां भी किसी से कम नहीं है। यहां से पढ़-लिखकर अनेक बेटियों ने गांव का नाम रोशन किया है। इसमें बबीता बामनिया (डीएसपी), कौशल्या चैहान (टीआई), शकुंतला बामनिया (टीआई), प्रियंका अलावा (थानेदार), रिंकी बामनिया (वाणिज्यिकर अधिकारी), शीतल अलावा (एई एमपीईबी) सहित अन्य हैं।
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