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BSP candidate Kankar Munjare: बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बालाघाट लोकसभा सीट में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे को उम्मीदवार बनाया है। वह भाजपा की भारती पारदी और कांग्रेस के सम्राट सरस्वत को चुनौती दे रहे हैं। कंकर की पत्नी अनुभा कांग्रेस विधायक हैं।

BSP candidate Kankar Munjare: बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बागी नेताओं को प्रत्याशी बनाकर मध्य प्रदेश की कई सीटों पर लोकसभा का चुनाव रोचक बना दिया है। बालाघाट में बसपा ने पूर्व सांसद कंकर मुंजारे को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि, उनकी पत्नी अनुभा मुंजारे कांग्रेस विधायक हैं। अनुभा के सामने धर्मसंकट यह है कि वह पार्टी का प्रचार करें या पति के लिए वोट मांगें। 

कंकर मुंजारे बालाघाट के कद्दावर नेता हैं। वह यहां से दो बार विधायक और एक बार निर्दलीय सांसद निर्वाचित हुए हैं। कंकर मुंजारे के भाई भी एक बार यहां से विधायक रहे हैं। वर्तमान में पत्नी अनुभा मुंजारे बालाघाट से विधायक हैं। 2023 में कांग्रेस के सिम्बल से वह पहली बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। लोकसभा चुनाव में कंकर मुंजारे टिकट मांग रहे थे, भोपाल में शीर्ष नेताओं के साथ बैठक भी हुई, लेकिन पार्टी के स्थानीय नेतृत्व में सहमति नहीं बन पाई। 

बालाघाट की सियासत में पिछले 40 साल से कंकर मुंजारे बड़ा नाम हैं। 1989 में लोकसभा का चुनाव निर्दलीय सांसद बनकर उन्होंने रिकार्ड बनाया था। इसके बाद सपा, बसपा और जनता दल सहित कई दलों से चुनाव मैदान में उतरे लेकिन दोबारा लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाए। हालांकि, 1984 के बाद के हर चुनाव में कंकर मुंजारे ने दमदार उपस्थिति रही है। पिछले चुनाव में भी 6 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए  थे। 

अनुभा से किसी तरह का समर्थन नहीं लूंगा
2024 का लोकसभा चुनाव भले ही कंकर मुंजारे बसपा के सिम्बल पर लड़ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस से सहयोग की उम्मीद अब भी पाले हुए हैं। कंकर मुंजारे कहते हैं कि कांग्रेस ने अनुभवहीन और डमी कैंडिडेट उतारा है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भाजपा की बजाय मुझे हराने की बात करते हैं। जबकि, मैं शुरू से भाजपा के खिलाफ हूं। पार्टी सहयोग नहीं करती तो पत्नी का समर्थन भी नहीं लूंगा। 

बालाघाट लोकसभा सीट का सियासी समीकरण 

  • बालाघाट लोकसभा सीट में बालाघाट और सिवनी जिले की आठ विधानसभा सीट और 10 जनपद पंचायतें शामिल हैं। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा से लगी इस लोकसभा क्षेत्र में आदिवासी, पंवार, लोधी, कुशवाहा मतदाताओं की बहुलता है। चुनाव में जातिगत समीकरण खासे मायने रखते हैं। 
  • बालाघाट संसदीय क्षेत्र में 1998 के बाद लगातार सात बार से भाजपा सांसद हैं। इससे पहले कांग्रेस का दबदबा रहा है। 1962 में प्रजा सोसलिस्ट पार्टी और 1977 के लोकसभा चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी (RPI) के प्रत्याशियों ने भी जीत दर्ज की है। 
  • बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में 13 लाख 14,181 मतदाता हैं। इनमें 6,54000 पुरुष और 6,59000 महिला मतदाता हैं।
  • बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में बैहर, लांजी, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी, बरघाट, कटंगी और सिवनी मालवा विधानसभा सीट शामिल है।
  • जातिगत समीकरण की बात करें तो बालाघाट लोकसभा क्षेत्र में एससी-एसटी 55.7 फीसदी, सामान्य 13.4 फीसदी, OBC 21.2 फीसदी, अल्पसंख्यक 8.4 फीसदी व 6.7 फीसदी अन्य वर्ग के मतदता हैं। 

भाजपा-कांग्रेस ने उतारे नए चेहरे 
बालाघाट संसदीय क्षेत्र से इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों ने युवा प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा ने पार्षद रहीं डॉ भारती पारदी को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। जबकि, कांग्रेस ने सम्राट सिंह सारस्वत को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने पूर्व सांसद कंकर मुंजारे जैसे अनुभवी चेहरे पर भरोसा जताया है। 

 

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