Success Story: पिता चलाते किराने की दुकान, मां करतीं सिलाई…बेटी शिवानी ने गरीबी को मात देकर बनीं वाणिज्य कर निरीक्षक

Success Story: गरीबी से लड़कर बनीं वाणिज्य कर निरीक्षक शिवानी कौरव
नरसिंहपुर से गणेश प्रजापति | हरिभूमि/inh
MPPSC- Success Story: नरसिंहपुर के छोटे से गांव की बेटी शिवानी कौरव ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मुश्किल मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। आर्थिक तंगी के बावजूद कोचिंग पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने वाली शिवानी ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) में वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर तीसरी रैंक हासिल कर गांव और पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
संघर्ष भरा सफर, गर्व भरी मंजिल
शिवानी के पिता राम दर्शन कौरव एक छोटी सी किराना दुकान चलाते हैं और दो एकड़ जमीन से परिवार का गुजारा करते हैं। उनकी मां सरोज कौरव सिलाई का काम कर घर की जिम्मेदारियों में सहारा देती हैं। इन कठिन परिस्थितियों में भी शिवानी ने हार नहीं मानी। उनके पिता गर्व से कहते हैं-
"ईश्वर की कृपा और बेटी की मेहनत ने हमारे सपनों को सच कर दिया।"

शिवानी के पिता राम दर्शन कौरव
शिक्षा और मेहनत का जज्बा
शिवानी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के सरस्वती शिशु मंदिर से की। इसके बाद नवोदय विद्यालय में दाखिला मिला और उच्च शिक्षा जबलपुर के होम साइंस कॉलेज से पूरी की। आर्थिक तंगी के चलते शिवानी ने कोचिंग पढ़ाकर अपनी पढ़ाई और MPPSC की तैयारी का खर्च खुद उठाया।
चौथे प्रयास में मिली बड़ी जीत
यह शिवानी का चौथा प्रयास था, जिसमें उन्होंने शानदार सफलता हासिल की। वह कहती हैं-
"गरीबी ने मुझे कमजोर नहीं किया, बल्कि और मजबूत बनाया। मेरा सपना समाज सेवा करना है, और यह नौकरी उसी दिशा में मेरा पहला कदम है।"
बता दें कि कई बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य को हासिल किया।
परिवार की प्रेरणादायक कहानी
शिवानी के परिवार ने भी मेहनत और संघर्ष से मिसाल कायम की है। उनकी बड़ी बहन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं, भाई शिक्षक के पद पर चयनित हुए हैं, और अब शिवानी ने प्रशासनिक सेवा में कदम रखकर परिवार का मान बढ़ाया है।

गांव की बेटी, सबके लिए प्रेरणा
शिवानी बचपन से सिविल सेवा में जाना चाहती थीं। उनकी इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। गांव वाले कहते हैं कि शिवानी की मेहनत और लगन उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।
संदेश: मेहनत से हर मंजिल मुमकिन
शिवानी कौरव की कहानी इस बात का जीता-जागता सबूत है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनकी यह सफलता न सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की राह पर हैं।
MPPSC 2025 भर्ती से जुड़ी पूरी जानकारी यहां पढ़ें
MPPSC 2024 रिजल्ट: विजयपुर के देवांशु शिवहरे और सागर के ऋषभ अवस्थी टॉपर; देख लिस्ट
MPPSC टॉपर देवांशु शिवहरे: गांव से टॉप तक की प्रेरक कहानी, IAS बनने का है अगला लक्ष्य
