डेरा जगमालवाली मामला: परिवार के बाद करीब 2 दर्जन पंचायतें आई सामने, संत वकील का फैसला होगा मान्य 

Village panchayats and eminent people of the area came in support of Dera Jagmalwali.
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डेरा जगमालवाली के समर्थन में आई क्षेत्र की ग्राम पंचायतें व गणमान्य लोग।
सिरसा में मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली में गद्दी को लेकर उपजे विवाद के चलते क्षेत्र की ग्राम पंचायतें भी सक्रिय हो गई हैं।

कालांवाली/सिरसा: मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली में गद्दी को लेकर उपजे विवाद के चलते क्षेत्र की ग्राम पंचायतें भी सक्रिय हो गई हैं। इन ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने डेरा प्रेमियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए जिला प्रशासन से कानून व्यवस्था बनाए रखने का आग्रह किया। जगमालवाली गांव के सरपंच प्रतिनिधित ने कहा कि डेरा की गद्दी का फैसला डेरा की प्रबंधन कमेटी व संत वकील साहिब का परिवार ही करेगा। पूर्व में भी गद्दी के फैसले संत ही करते रहे हैं। बीते दिवस कुछ ग्राम पंचायतों के समर्थन से नया डेरा प्रमुख चुनने की बात सामने आई, जिसमें पिपली, असीर व जगमालवाली के पंचायत का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं था और न ही इससे उनका कोई लेना-देना है।

संतों का फैसला सर्वोपरि, जिसके पास कागजात चैक करवाए

सरपंचों ने कहा कि संतों की ओर से किया फैसला सर्वोपरि है। जिसके पास कोई कागजात है, वह अपने कागज ट्रस्ट के मैंबरों व प्रशासन को दिखाए। सरपंचो ने कहा कि संतों के आशीर्वाद से पहले दिन से डेरा की इज्जत बनी हुई है, वह बनी रहे, क्योंकि बदनामी नहीं करनी है। साध संगतों को शांति बनाकर रखनी है ओर सिमरण करना है। सरपंचो ने प्रशासन से अपील की कि वह ट्रस्ट के मैंबरों को आगे लेकर आए ताकि ट्रस्ट के लोग डेरा के सिस्टम को पहले की भांति चला सके ओर संतो के परिवार के साथ बात करके नए महात्मा को गद्दी दें व पूरा सिस्टम सही हो। बहुत जरूरी है क्योंकि आपसी भाईचारा ओर डेरा की मर्यादा को बरकरार रखना है।

एसपी ने किया डेरे का दौरा, कानून व्यवस्था का लिया जायजा

डबवाली की पुलिस अधीक्षक दीप्ति गर्ग डेरा जगमालवाली पहुंची और कानून व्यवस्था का जायजा लिया। आगामी 8 अगस्त को डेरे में भोग आदि श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया है। ऐसे में प्रशासन की डेरे की गतिविधियों पर नजर है। एसपी ने पुलिस अधिकारियों तथा थाना प्रभारियों को विशेष सावधानी व सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस घटना को लेकर जहां जिला पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है, वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से आमजन से अपील है कि समाज के सभी लोग किसी भी अफवाह व बहकावे में न आएं तथा आपसी भाईचारे को बनाए रखें। सोशल मीडिया पर इस संबंध में फर्जी खबरें डालकर व अफवाहें फैला कर समाज का माहौल खराब करने वालों के साथ पुलिस सख्ती से निपटेगी।

बाबा नहीं आते थे किसी के दबाव में, वसीयत सच्ची: सुमेर लाल

डेरे की वसीयत को लेकर उड़ाई जा रही अफवाहों के बीच वसीयत करने के दौरान मौके पर उपस्थित महाराज बहादुरचंद वकील साहब के परम मित्र सुमेर लाल शर्मा एडवोकेट ने कहा कि महाराज कभी किसी के दबाव में नहीं आते थे। उनका और महाराज का नाता यूनिवर्सिटी समय से है। समय-समय पर वह महाराज से भी मिलने जाता था। अब जब महाराज बीमार चल रहे है तो इस दौरान हर रोज फोन पर बात होती थी और अपना हाल चाल बताते थे। हम सबको महाराज के चोला छोड़ने का बहुत अधिक दुख है। उनकी वसीयत जो मीडिया में है, वह मेरे सामने हुई थी। उस समय वह वहीं था, मेरे साथ मेरी बेटी, ग्रोवर साहब, सुभाषचन्द्र, दिल्ली के एडवोकेट सौरभ मौके पर उपस्थित थे।

इलाज करवाने में कोई संदेह नहीं

महाराज के परम मित्र सुमेर लाल शर्मा एडवोकेट ने कहा कि महाराज के डाक्टरी इलाज करवाने को लेकर कोई संदेह नहीं है। संगत को चाहिए कि अफवाहों पर ध्यान न दें। जो लोग यह कह रहे कि वसीयत महाराज को दबाव देकर कराई गई है, महाराज किसी के दबाव में आने वाले नहीं थे और न ही फकीर किसी के दबाव में आते है। अगर कोई दबाव होता तो महाराज उससे रोज फोन पर बात करते समय बता देते। उनसे 22-23 जुलाई तक बात होती रही है। महाराज की रूह की शांति के लिए उनकी इच्छा का सम्मान करना चाहिए।

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