KYC अपडेट के नाम पर बिछाया जाल : ऐप डाउनलोड कराकर FD पर ले लिया लोन, 5.5 लाख रुपये ठगे

Cyber ​​Crime Police Station.
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साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन।
ऐप डाउनलोड करते ही धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया। पीड़ित ने साइबर हेल्पलाइन और थाना में शिकायत दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

KYC अपडेट के नाम पर ठगा : साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अब शातिर ठगों ने KYC अपडेट के नाम पर एक नई चाल चल दी है। रेवाड़ी के प्राणपुरा गांव निवासी स्वयंबीर सिंह इस नए साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए हैं। महज एक कॉल पर भरोसा कर ऐप डाउनलोड करने की कीमत उन्हें 5.5 लाख रुपये के लोन के रूप में चुकानी पड़ी, जो उनकी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर धोखाधड़ी से लिया गया।

KYC अपडेट के नाम पर लिया झांसे में

स्वयंबीर सिंह के मुताबिक, 29 अप्रैल को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक ऑफ महाराष्ट्र का प्रतिनिधि बताया और कहा कि उनकी बैंक KYC पेंडिंग है। यदि इसे तत्काल अपडेट नहीं किया गया, तो उनका खाता बंद हो जाएगा। इस डर से स्वयंबीर ने कॉल करने वाले के निर्देशों का पालन किया।

उन्हें व्हाट्सएप कॉल पर बात करने को कहा गया, फिर एक ऐप डाउनलोड करने का निर्देश मिला—जिसे कॉल करने वाले ने बैंक की आधिकारिक ऐप बताया। ऐप डाउनलोड कराने के बाद उसमें खाता नंबर, आधार और मोबाइल नंबर भरने को कहा गया। हालांकि, स्वयंबीर ने यह जानकारी नहीं दी, लेकिन कॉल करने वाले ने कहा, अब आपका काम हो गया है। यहीं से साइबर ठगी का असली खेल शुरू हुआ।

FD पर दो बार लिया गया लोन

कुछ दिनों बाद जब स्वयंबीर ने अपने बैंक अकाउंट की जानकारी चेक की, तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने पाया कि उनकी FD पर दो बार लोन लिया गया है—पहली बार 3.60 लाख और दूसरी बार 1.90 लाख रुपये। इस तरह कुल 5.5 लाख रुपये का फर्जी लोन निकाल लिया गया। इस साइबर धोखाधड़ी का पता चलते ही उन्होंने तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत की और इसके बाद साइबर थाना रेवाड़ी में केस दर्ज कराया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

ठगों ने किया सिस्टम हैक या बैंक की सुरक्षा चूक

इस मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ठगों ने बैंक के सिस्टम को हैक किया या फिर बैंकिंग प्रक्रिया में ही कोई गंभीर चूक है? किसी ग्राहक के केवल ऐप डाउनलोड करने से उसकी FD पर लोन कैसे उठाया जा सकता है? पुलिस फिलहाल यह जांच कर रही है कि जिन खातों में यह रकम ट्रांसफर हुई है, वे कहां स्थित हैं और इसके पीछे किस गिरोह का हाथ है। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि यह मामला हाई-टेक फ्रॉड से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है और इसकी तह तक जाने के लिए डिजिटल फॉरेंसिक टीम की भी मदद ली जा सकती है।

बढ़ते साइबर क्राइम पर चिंता

एक ओर सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रही है, दूसरी ओर आम जनता साइबर अपराधियों के निशाने पर आ रही है। रेवाड़ी जैसे शहर तक अब ठगों की पहुंच में हैं। किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर KYC, OTP, या बैंकिंग ऐप डाउनलोड करने की बात पर विश्वास नहीं करें। बैंक कभी भी व्हाट्सएप कॉल पर केवाईसी या लॉगिन डिटेल्स साझा करने को नहीं कहता।

आप रहें सतर्क, इन बातों का रखें ध्यान
  • किसी को भी निजी जानकारी साझा न करें।
  • किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी आधिकारिकता जरूर जांचें।
  • बैंकिंग ऐप्स केवल Google Play Store या Apple App Store से ही डाउनलोड करें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत 1930 पर शिकायत करें।

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