हिसार में जल संकट : पंजाब की ओर से सप्लाई रोकने पर पैदा हुई किल्लत, प्यास बुझाने के लिए HSVP 8 सेक्टरों में भेजेगा टैंकर

Water dried up in Balsamand branch of Hisar.
X
हिसार की बालसमंद ब्रांच में पानी सूखा।
हिसार शहर और आसपास के इलाकों की पानी की जरूरत भाखड़ा नहर से पूरी होती है, लेकिन इस बार पंजाब की ओर से पानी की सप्लाई रोक दिए जाने से हालात बिगड़ गए हैं।

Hisar Water crisis : हरियाणा के हिसार में इस समय चिंता का विषय बन गया है पानी का संकट। गर्मी बढ़ते ही पीने के पानी की सप्लाई चरमरा गई है और हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि अब टैंकरों से शहर को पानी पिलाने की योजना बनाई जा रही है। उधर, गांवों में भी इस संकट का असर दिखने लगा है, जहां नंगथला जैसी पंचायतों ने सख्त फैसले लेते हुए पानी बर्बादी पर 1100 रुपये का जुर्माना तय कर दिया है।

पंजाब ने हरियाणा का पानी रोका, हिसार में दिखने लगा असर

हिसार शहर और आसपास के इलाकों की पानी की जरूरत भाखड़ा नहर से पूरी होती है, लेकिन इस बार पंजाब की ओर से पानी की सप्लाई रोक दिए जाने से हालात बिगड़ गए हैं। शहर में फिलहाल पीने के पानी की किल्लत सबसे बड़ी समस्या बन गई है। पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है और जलस्रोत सूखने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बालसमंद ब्रांच, जहां अब पानी का नामोनिशान नहीं है।

HSVP उतरे मैदान में, 8 सेक्टरों में भेजे जाएंगे 3350 टैंकर

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) ने पानी संकट से निपटने के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है। शहर के 8 प्रमुख सेक्टरों — जिसमें सेक्टर 1 से लेकर सेक्टर 14 तक शामिल हैं — में कुल 3350 टैंकरों से पानी पहुंचाने की योजना बनाई गई है। प्रशासक अनीश यादव से अनुमति मिलने के बाद इस योजना पर तेजी से अमल शुरू हो चुका है। प्रति सेक्टर 420 टैंकरों की व्यवस्था की गई है, जिससे लोगों को बुनियादी जरूरत के मुताबिक पानी मिल सकेगा। HSVP की तरफ से पानी की सप्लाई तोशाम रोड जलघर और सेक्टर-14 जलघर से की जा रही है, जबकि जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से 5 जलघरों से पानी भेजा जा रहा है।

50 से ज्यादा वाहन लगातार सप्लाई कर रहे

जनस्वास्थ्य विभाग भी इस संकट से निपटने के लिए अपनी टीम तैयार कर चुका है। 50 से ज्यादा टैंकर दिन-रात पानी की डिलीवरी कर रहे हैं। कैमरी रोड, महावीर कॉलोनी जैसे इलाकों से पानी भरकर इन्हें शहर के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा रहा है। एक टैंकर तीन से चार घरों की जरूरत पूरी करता है, लेकिन बढ़ती मांग के चलते यह भी नाकाफी साबित हो रहा है।

गांवों की पहल: नंगथला पंचायत ने लिया सख्त फैसला

हिसार से सटे गांव नंगथला में जल संकट को देखते हुए पंचायत ने अभूतपूर्व निर्णय लिया है। गांव के सरपंच प्रतिनिधि साधुराम वर्मा की अध्यक्षता में हुई पंचायत में तय किया गया कि अगर कोई भी व्यक्ति पीने योग्य पानी की बर्बादी करता पाया गया, तो उस पर 1100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।इस निर्णय को लागू करने के लिए गली-गली में पंचायत सदस्य और वाटर वर्क्स कर्मचारी गश्त करेंगे, ताकि लोग बेवजह पानी न बहाएं।

पानी बचाने का कानूनी आधार : पर्यावरण कानून की धारा 5

पंचायत का यह कदम सिर्फ सामाजिक नहीं, कानूनी भी है। केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने 8 अक्टूबर 2020 को पर्यावरण संरक्षण कानून 1986 की धारा 5 के तहत यह अधिकार पंचायतों को दिया था कि वे पानी की बर्बादी पर जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई कर सकती हैं। एडवोकेट जगदीश वर्मा ने पंचायत को बताया कि इस कानून के तहत एक लाख रुपए तक जुर्माना और पांच साल तक की जेल का प्रावधान भी है।

हिसार की हालत चिंताजनक, हालात सुधरने की उम्मीद कम

भीषण गर्मी, घटती नमी और सीमित जल आपूर्ति ने मिलकर हिसार को इस समय जल संकट के केंद्र में ला दिया है। टैंकर व्यवस्था फिलहाल राहत दे रही है, लेकिन अगर अगले कुछ हफ्तों में हालात नहीं सुधरे तो स्थिति और बिगड़ सकती है। पानी बचाना अब सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, मजबूरी बन गया है। नंगथला जैसी पंचायतों के निर्णय इस बात की मिसाल हैं कि जनता को अब खुद भी आगे आकर जल संरक्षण में भूमिका निभानी होगी।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story