टाइगर को लेकर ससस्पेंस बरकरार: सोशल मीडिया पर चल रही अफवाह, नहीं मिल रही बाघ की सही लोकेशन 

Forest workers searching for tiger in the fields near Tatarpur
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ततारपुर के पास खेतों में बाघ को सर्च करते वनकर्मी। 
हरियाणा के रेवाड़ी में टाइगर का सस्पेंस बरकरार है। बाघ की सही लोकेशन अभी तक वन विभाग के पास नहीं है। ऐसे में ग्रामीण दहशत में हैं और सोशल मीडिया पर अफवाह भी फैल रही है।

Rewari: पांच दिन पहले राजस्थान में एक किसान को घायल करने के बाद भटसाना आए बाघ को तलाश करना वन विभाग के अधिकारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर चल रहा है, लेकिन वास्तव में अभी तक बाघ की सही लोकेशन का पता नहीं चल सका। ग्रामीणों की ओर से गांव में बाघ के पैरों के निशान पाए जाने की सूचना पर मंगलवार को वन विभाग की टीम ने सर्च अभियान चलाया, परंतु टीम को बाघ के गांव में होने के कोई संकेत नहीं मिले। राजस्थान वन विभाग की ओर से भी अभी तक ताजा लोकेशन के बारे में कुछ नहीं बताया गया है।

बाघ की सही लोकेशन नहीं हो रही ट्रैक

वन विभाग की टीम लगातार बाघ को खोजने में लगी हुई है। सोमवार को राजस्थान की ओर से सूचना दी गई कि बाघ राजस्थान बॉर्डर के गांव बूढ़ी बावल की ओर आ चुका है। इसके बाद बाघ की लोकेशन ट्रैक नहीं हो पा रही। सोशल मीडिया पर मनघडंत तरीके से बाघ को लेकर चर्चाओं को जन्म दिया जा रहा है, जबकि आधिकारिक तौर पर उसकी सही लोकेशन के बारे में कुछ नहीं बताया गया। वन विभाग की टीम लगातार यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि बाघ आखिर कहां छिपा हुआ है। ड्रोन कैमरों में भी बाघ नजर नहीं आ रहा। कयास लगाए जा रहे हैं कि बाघ जिस रास्ते से आया था, उसी रास्ते से राजस्थान की ओर कूच कर गया, परंतु इन कयासों को सच नहीं माना जा सकता।

दो दिन पूर्व किया बाघ ट्रेंकुलाइज्ड

रेस्क्यू टीमों ने दो कर्मचारियों पर हमले के बाद टाइगर को सरसों के खेत में घेर लिया था। चारों ओर वाहन लगाकर खेत में जेसीबी मशीन चलाई गई थी। वाहनों के हॉर्न व हूटर बजाने के बाद बाघ खेत से बाहर आने को मजबूर हो गया था। इसके बाद उसे तीन इंजेक्शन देकर बेहोश करने का प्रयास किया गया। ट्रेंकुलाइज्ड होने के बाद जब रेस्क्यू टीम उसके बेहोश होने का इंतजार कर रही थी तो बाघ टीमों को चकमा देकर फरार हो गया।

कम नहीं हुई ग्रामीणों की दहशत

बाघ पकड़ में नहीं आने के कारण भटसाना और आसपास के गांवों में दहशत बरकरार है। किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे, जिससे फसलों की सिंचाई का कार्य बाधित हो रहा है। भटसाना के सरपंच भूपसिंह ने बताया कि बाघ के पकड़े जाने तक ग्रामीणों की दहशत कम नहीं होगी। ग्रामीणों को किसी भी समय हमले की आशंका सता रही है, जिस कारण वह दिन के समय भी खेतों में जाने से बच रहे हैं।

नहीं चल रहा बाघ की लोकेशन का पता

आरओ संदीप यादव ने बताया कि तातरपुर खालसा के ग्रामीणों की सूचना पर गांव के खेतों में मंगलवार को सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन बाघ इस क्षेत्र में होने के संकेत नहीं मिले। राजस्थान की ओर से भी आज कोई लोकेशन नहीं बताई गई है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि बाघ इस समय कहां है।

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