Haryana Roadways: हरियाणा के इन 40 हजार छात्रों की बढ़ी परेशानी, सरकार ने खत्म की फ्री बस सर्विस, जानें वजह

Haryana government ends free bus pass facility for 40 thousand ITI students
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
Haryana News: हरियाणा सरकार ने आईटीआई में पढ़ने वाले 40 हजार छात्रों के लिए फ्री बस सर्विस की सुविधा समाप्त कर दी है। आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह...

Haryana Free Bus Pass Service: हरियाणा में आईटीआई छात्रों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश के रोडवेज विभाग ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके बाद 40 हजार बच्चों की निशुल्क बस पास की सुविधा समाप्त कर दी गई है। ये छात्र प्रदेश की 380 राजकीय और निजी आईटीआई में नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। विभाग के इस फैसले का सीधा असर हजारों छात्रों के खर्च पर पड़ेगा।

बता दें कि इन छात्रों में 20 हजार छात्राएं भी शामिल हैं। हरियाणा सरकार छात्राओं को 150 किमी. तक निशुल्क बस पास की सुविधा उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा जुलाई, 2014 से स्कूल व कालेज में पढ़ने वाले लड़कों के लिए भी निशुल्क बस पास की सुविधा दी गई थी।

इन बच्चों की बंद हुई सुविधा

सरकार की ओर से आईटीआई में एनसीवीटी के तहत आने वाले सभी ट्रेड में प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षुओं के लिए यह सुविधा बंद कर दी है। अब इनके बस पास के फीस की मांग की जा रही है। बता दें कि आईटीआई में कराए जाने वाले कोर्स में नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग या स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग के तहत आने वाली ट्रेड भी शामिल है।

हरियाणा में कुल 194 राजकीय और 186 निजी आईटीआई हैं। जानकारी के अनुसार, इन कॉलेजों में 69 हजार 437 छात्र मौजूदा सत्र में पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें से 54 हजार 752 विद्यार्थी राजकीय आईटीआई में हैं, जबकि 14 हजार 682 निजी आईटीआई में पढ़ रहे हैं।

क्यों लिया गया फैसला?

विभाग के इस फैसले को लेकर हरियाणा रोडवेज अंबाला के जीएम अश्वनी डोगरा ने कहा कि यह फैसला नियमों के अनुसार ही लिया गया है। इसके अलावा अधिकारियों का कहना है कि एनसीवीटी केंद्र सरकार की ट्रेड हैं, जबकि एससीवीटी राज्य सरकार की ट्रेड है। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ राज्य सरकार के अधीन आने वाली ट्रेड में पढ़ने वाले बच्चों को ही निशुल्क बस पास सुविधा दे सकते हैं। बता दें कि अब रोडवेज वाले फीस भरने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी हिदायतों के अनुसार ही फीस ली जा रही है।

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