मानव तस्करी: अब दिल्ली बिहार के साथ जुड़े बहादुरगढ़ के तार, गिरफ्तार चार आरोपियों में बहादुरगढ़ के दो

Delhi Crime Branch recovered missing minor girl from Nangloi
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प्रतीकात्मक फोटो।
युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राइंगल एसईजेड और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी काल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था।

Human Trafficking News:लाओस और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले का बहादुरगढ़ से कनेक्शन सामने आ रहा है। हाल ही में एनआईए द्वारा चार आरोपी पकड़े गए हैं। इनमें दो युवक बहादुरगढ़ के रहने वाले हैं। जिससे विदेशों में मानव तस्करी करने के मामलों में अब दिल्ली व बिहार के साथ बहादुरगढ़ के भी तार जुड़ गए हैं। मामला एनआईए के हाथ में जाने के बाद इस मामले में अब तक एक यू-ट्यूबर की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।

सभी संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा

मानव तस्करी में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार किए चार आरोपियों में बहादुरगढ़ लाइन पार के साहिल व सेक्टर-7 के आशीष शामिल बताए जा रहे हैं। इनके अलावा दिल्ली के मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, सिवान (बिहार) के पवन यादव उर्फ अफरोज उर्फ अफजल को भी पकड़ा गया है। सभी संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे। आकर्षक नौकरियों की पेशकश के बहाने भारतीय युवाओं को विदेश में ले जाने और तस्करी करने में शामिल थे।

एनआईए ने 19 जून को हाथ में लिया

तस्करी किए गए युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राइंगल एसईजेड और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी काल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था, जो भारत, लाओस और अन्य देशों के विभिन्न हिस्सों में स्थित आपरेटरों के माध्यम से विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित विशाल नेटवर्क का हिस्सा थे। एनआईए ने 19 जून 2024 को दिल्ली पुलिस से यह मामला अपने हाथ में लिया था। मामले में एक यूट्यूबर को भी पकड़ा गया था। अब और गिरफ्तारियां हुई हैं।

संपर्क तलाशने में जुटी एजेंसियां

जिनमें से दो लड़के यहां बहादुरगढ़ के हैं। जांच एजेंसी अब इन दोनों आरोपियों से पूछताछ कर ये पता लगा रही है कि ये दोनों किस तरह से इस सिंडिकेट के संपर्क में आए और ये क्या काम करते हैं। साथ ही लाओस में एक्टिव किस आरोपी के संपर्क में ये दोनों रहे और अब तक कितने युवाओं को नौकरी के नाम पर लाओस में साइबर ठगों तक पहुंचा चुके हैं। ताकि इससे जुड़े अन्य लोगों तक भी पहुंचा जा सके।

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