सीएम नायब सैनी की ग्राम पंचायतों को सौगात: 50 विकास कार्यों को करने का दिया अधिकार, खेल मैदानों से स्कूलों तक की बदलेगी सूरत

Haryana Government Increased Power of Panchayats
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हरियाणा सरकार ने बढ़ाई पंचायतों की ताकत।
Haryana Gram Panchayat: हरियाणा में नायब सैनी की सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं का कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया है। अब पंचायतें 50 अलग-अलग काम अपने या सरकार से मिले फंड से करा सकते हैं।

Haryana Gram Panchayat: हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखते हुए पंचायतों की शक्तियां बढ़ा दी है। अब वे ज्यादातर काम खुद से करा सकेंगे और साथ ही पंचायती राज संस्थाओं के कार्य का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। नायब सैनी की सरकार ने पंचायत समितियों, ग्राम पंचायतों और जिला परिषदों को 50 विकास कार्यों का अधिकार दे दिया है। बता दें कि इससे पहले पंचायतों को कम अधिकार दिए गए गए थे, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं के पास 21, पंचायत समिति के पास 9 और जिला परिषद के पास 13 अलग-अलग विकास कार्यों का अधिकार दिया गया था। लेकिन अब इसकी संख्या में सरकार ने बढ़ोतरी की है।

इन विकास कार्यों का मिला अधिकार

गांव के विकास में तेजी लाने के लिए सरकार की ओर से पंचायतों की विकास कार्यों में भूमिका बढ़ाने का फैसला किया है। हरियाणा के विकास एवं पंचायत विभाग ने पंचायती राज संस्थाओं के लिए 50 कार्यों की एक श्रेणी तैयार की है। साथ ही पंचायती राज संस्थाओं को कार्यक्षेत्र भी बढ़ा दिया गया है। अब ग्राम पंचायतें अपने और सरकार से मिले फंड से पार्क के रखरखाव से लेकर 5 करम तक की सड़कों की मरम्मत, ई-लाइब्रेरी, इंडोर जिम, चौपाल का निर्माण, स्कूलों की मरम्मत और खेल के लिए स्टेडियम के रखरखाव जैसे कई बड़े काम करा सकेंगे।

इसके अलावा पंचायतों को पीएचसी-सब सेंटर को भी खुद के फंड से रिपेयर करवाने की अनुमति मिल गई है। बता दें कि अभी तक ग्राम पंचायतें 21-21 लाख रुपए तक के सिर्फ 21 तरह के काम करवा सकते थे। सरकार के इस कदम का उद्देश्य है कि ग्राम पंचायतों को ज्यादा सशक्त बनाया जाए और गांवों के विकास में तेजी लाई जाए।

नायब सैनी ने पहले भी किए थे कई ऐलान

ऐसा पहली बार नहीं है सरकार ने पंचायतों के हित के लिए फैसला लिया है। इससे पहले सीएम नायब सैनी ने ऐलान किया था कि अगर कोई सरपंच अपने गांव के किसी काम से 8 किमी से ज्यादा बाहर बाहर जाते हैं, तो उन्हें 16 रुपए किमी के हिसाब से खर्च दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अहर गांव के किसी कार्यक्रम में जिले का डीसी यानी कि जिला कलेक्टर शामिल होता है, तो सरपंच को डीसी के साथ मंच साझा करने का अधिकार है।

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