युद्ध की आहट : 1971 के बाद पहली बार बड़ी ड्रिल, हरियाणा के 11 शहर अंधेरे में डूबेंगे, पंजाब-शिमला-चंडीगढ़ में भी वॉर एक्सरसाइज...

Mock drill : केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक महत्वपूर्ण निर्देश के बाद, हरियाणा के 11 प्रमुख शहरों और पड़ोसी राज्य पंजाब के 20 स्थानों पर कल (7 मई) युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों से बचाव के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ भी इस महत्वपूर्ण अभ्यास में शामिल होंगे। इन चयनित शहरों में कल रात सायरन बजेंगे और कृत्रिम ब्लैकआउट भी किया जाएगा ताकि निवासियों और प्रशासन की तैयारियों का आकलन किया जा सके।
हिसार में आज ही सायरन बजाकर इसकी टेस्टिंग की गई
इस मॉक ड्रिल की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा के हिसार शहर में आज ही सायरन बजाकर इसकी टेस्टिंग की गई। वहीं, फरीदाबाद जिला प्रशासन ने कल होने वाले इस महत्वपूर्ण अभ्यास के मद्देनजर सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं, ताकि सभी आवश्यक कर्मी मौके पर मौजूद रहें। सिविल डिफेंस की टीमों ने इस राष्ट्रव्यापी एक्सरसाइज की तैयारियां मंगलवार से ही तेज कर दी हैं। पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले कुछ बुजुर्ग निवासियों का कहना है कि इस तरह की व्यापक स्तर की तैयारियां उन्होंने पिछली बार 1971 के युद्ध के दौरान ही देखी थीं, जिससे इस मॉक ड्रिल के महत्व और गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
हरियाणा के 11 शहरों में कब होगा ब्लैकआउट
गुरुग्राम: मिले अपडेट के अनुसार, साइबर सिटी गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम में मुख्य मॉक ड्रिल होगा। शहर में रात 9 बजे से ब्लैकआउट किया जाएगा। इस पूरे ऑपरेशन अभ्यास की निगरानी के लिए लघु सचिवालय में एक विशेष कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसके साथ ही, स्कूलों में कल सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान ब्लैकआउट के दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में छात्रों को जागरूक किया जाएगा। गुरुग्राम के उपायुक्त (DC) अजय कुमार ने शहर के सभी निवासियों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें ताकि इस महत्वपूर्ण अभ्यास को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सके।
फरीदाबाद: औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में कल शाम 4 बजे चार अलग-अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल कराई जाएगी। जिले के उपायुक्त ने इस अभ्यास को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं, जिससे प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।
सिरसा: पश्चिमी हरियाणा के सिरसा जिले में कल 10 अलग-अलग स्थानों पर यह महत्वपूर्ण मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास विभिन्न सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर केंद्रित रहेगा ताकि इन महत्वपूर्ण स्थलों पर आपातकालीन प्रतिक्रिया की तैयारियों का आकलन किया जा सके। जिले में रात 10 बजे से 10:30 बजे तक ब्लैकआउट किया जाएगा।
सोनीपत: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा सोनीपत जिले में कल शाम 4 बजे मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इस अभ्यास के लिए लघु सचिवालय परिसर में एक विशेष स्टेज एरिया निर्धारित किया गया है। जिले के उपायुक्त ने जानकारी दी है कि मॉक ड्रिल के दौरान जिले के विभिन्न चिन्हित स्थानों पर एक साथ सायरन बजाए जाएंगे, जिसके तुरंत बाद यह महत्वपूर्ण अभ्यास शुरू हो जाएगा।
रोहतक: शिक्षा नगरी रोहतक में मॉक ड्रिल की टाइमिंग को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस संबंध में अंतिम समय सुबह मुख्य सचिव के साथ होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद ही तय किया जाएगा।
पंजाब के शहरों में कब होगा ब्लैकआउट
अमृतसर: स्वर्ण मंदिर नगरी अमृतसर में मॉक ड्रिल का समय बदल दिया गया है। अब यह अभ्यास सुबह 10:30 बजे से 11:00 बजे तक रामतीर्थ रोड और अजनाला रोड पर केंद्रित रहेगा।
फरीदकोट: फरीदकोट की उपायुक्त पूनमदीप कौर ने बताया कि फरीदकोट और कोटकपूरा शहरों में कल शाम 4 बजे सायरन बजेगा, जिसके बाद रात 10 बजे ब्लैकआउट किया जाएगा।
लुधियाना: औद्योगिक राजधानी लुधियाना के उपायुक्त हिमांशु जैन ने जानकारी दी है कि शहर में कल शाम 4 बजे मॉक ड्रिल होगी। इसके बाद रात 8 बजे से 8:30 बजे तक ब्लैकआउट किया जाएगा।
शिमला में ब्लैकआउट और मॉक ड्रिल
पहाड़ों की रानी शिमला के संजौली और डीसी ऑफिस में कल मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास शाम 4 बजे शुरू होगा और रात 8 बजे ब्लैकआउट किया जाएगा। इस दौरान सायरन बजाकर लोगों को हवाई हमले की सूचना दी जाएगी और सायरन बजते ही लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेने के लिए कहा गया है। यह व्यापक स्तर की मॉक ड्रिल केंद्र सरकार के उच्च स्तर के निर्देशों के बाद आयोजित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों का जायजा लेना और आम नागरिकों को ऐसी परिस्थितियों के बारे में जागरूक करना है।