Haryana flood: बाढ़ व बरसात से 5 लाख एकड़ फसल बर्बाद, अब 15 सितम्बर तक करें मुआवजे का दावा

हिसार के कैमरी गांव में ड्रेन टूटने से हुए जलभराव को रोकते कर्मचारी व ग्रामीण।
Haryana flood : हरियाणा में कुछ दिनों से बाढ़ व बरसात से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। फसलों में भारी नुकसान है। ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज दावों के अनुसार प्रदेश के 1969 गांवों में 5 लाख 8 हजार 992 एकड़ फसलें प्रभावित हुई हैं। 84136 किसानों ने मुआवजे के लिए दावा प्रस्तुत किया है। प्रदेश में बरसात व नदियों के हालात को देखते हुए पोर्टल को अब 15 सितम्बर तक खोला गया है। किसान 15 सितम्बर तक अपना दावा पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं।
महेंद्रगढ़ व यमुनानगर में सबसे ज्यादा नुकसान

ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज किसानों के दावों के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान महेंद्रगढ़ के किसानों ने बताया है। यहां 368 गांवों के 10033 किसानों ने 45393 एकड़ में नुकसान दर्ज करवाया है। वहीं, यमुनानगर के 305 गांवों के 1011 किसानों ने 4284 एकड़ फसल में खराबा बताया है। वहीं, फरीदाबाद, करनाल, पानीपत व सोनीपत के किसानों का कोई दावा अभी लिस्ट में अपडेट नहीं हुआ है। हालांकि यहां भी फसलों में नुकसान है।
मंत्री विपुल गोयल ने तैयारियों की समीक्षा की
प्रदेश में आपदा के हालातों के बीच हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने उच्चस्तरीय रिव्यू बैठक की अध्यक्षता की। इसमें प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा के कारण उत्पन्न हुई स्थिति और बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गई। इस बैठक में विभिन्न विभागों, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन इकाइयों और अन्य हितधारकों के साथ तैयारियों का जायजा लिया गया।
किसानों के दावों पर जल्द कार्रवाई के निर्देश
विपुल गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दावों का सत्यापन और भुगतान प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए ताकि किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिल सके। प्रदेश में इस मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसके कारण कई क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है।
636 करोड़ रुपये इमरजेंसी फंड बनाया
राजस्व मंत्री ने पहले से लागू किए गए उपायों की प्रभावशीलता की समीक्षा की और कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। बैठक में फ्लड कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली, राहत सामग्री और बचाव उपकरणों की उपलब्धता की समीक्षा की गई। विभाग ने सेना, एनजीओ और स्वयंसेवकों के साथ समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया को भी मजबूत करने पर जोर दिया। इस वर्ष हरियाणा को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड SDRF के तहत लगभग 636 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। यह फंड आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा सभी जिला उपायुक्तों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व फंड उपलब्ध कराया गया है, ताकि त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग को भी विशेष रिजर्व फंड प्रदान किया गया है।
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बाढ़ से निपटने को 950 जवानों की बनाई फोर्स
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि आईआरबी भोंडसी की पहली बटालियन जिसमें 950 जवान शामिल हैं, को हरियाणा स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स के रूप में नामित किया गया है। यह बल आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार है। यह टीम यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला, करनाल, कैथल, पलवल, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, हिसार, रोहतक और गुरुग्राम जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात की गई है। इसके अलावा HSDRF के लिए 1149 पद स्वीकृत किए गए हैं, जो आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए 151 नावों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है। ये नावें जलभराव और बाढ़ की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में सहायक होंगी।
