Faridabad News: फरीदाबाद में रोवर से होगी जमीन का नपाई, जानिए कैसे करेगा काम?

प्रतीकात्मक तस्वीर
Faridabad News: हरियाणा में जमीन का सीमांकन जरीब (चेन) की मदद से किया जाता था, लेकिन अब सैटेलाइट की मदद से रोवर्स (उपकरण) के इस्तेमाल से किया जाएगा। इससे जमीन से जुड़े विवाद खत्म होंगे। इस सैटेलाइट को लेकर हरियाणा सरकार ने शनिवार को गांव खेड़ी कला में राजस्व मंत्री विपुल गोयल की निगरानी में इस उपकरण का डेमो किया।
इस पहल की शुरुआत सर्वे ऑफ इंडिया के तहत हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी के आदेश पर शुरु की गई है। इस माध्यम से भूमि का सीमांकन पारंपारिक तरीके से हटकर एक आधुनिक तरीके के साथ डिजिटल तकनीक पर आधारित किया जाएगा। इस आधुनिक तकनीक के लिए राज्य सरकार ने 300 रोवर्स मशीनों को खरीदने की मंजूरी दी है।
रोवर का दिया जा रहा परीक्षण
राज्य में पटवारी और कानूनगों को इस तकनीकी का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे इस तकनीक के साथ कार्य को कुशलता के साथ कर सकें। इस तकनीकी से राज्य सरकार की डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरुप भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सके।
जरीब से करते थे डिमार्केशन
जमीन का डिमार्केशन करने के लिए पहले जरीब का इस्तेमाल कर जमीन की सीमा निर्धारित करते थे। अब इस तरकीब को छोड़ एक नई तकनीक अपनाई गई है। रोवर आधारित डिजिटल मैपिंग से प्रॅापर्टी से लेन-देन के साथ जमीन का खारिज-दाखिल प्रक्रिया के साथ बैंक लोन में भी आसानी होगी।
क्या होता है जरीब?
जरीब लंबाई नापने का एक उपकरण है, यह एक लोहे की जंजीर होती है जिसमें 100 कड़ियाँ होती हैं। इसे विशेष रूप से भू-मापन में इस्तेमान किया जाता है। जरीब को आमतौर पर पटवारी या राजस्व विभाग के पास पाई जाती है।
जमीन का सीमांकन पारदर्शिता से होगा
राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने बताया कि जमान विवाद एक ऐसा विषय है जो आम जनता के लिए एक चिंता का विषय रहा है। रोवर्स के माध्यम से अब जमीनों का सीमांकन वैज्ञानिक और पारदर्शिता से होगा। जिससे राज्य में भूमि के विवादों से छुटकारा मिलेगा। इस तकनीकी के माध्यम से राज्या की शामलात भूमि से सटीक पैमाइश संभव होगी, जिससे राजस्व में होने वाली हानि को रोका जा सकेगा इसके साथ ही संपत्ति के रिकार्ड सुव्यवस्थित होंगे।
रोवर द्वारा होगा यमुना विवाद खत्म करने की तैयारी
हरियाणा सरकार का कहना है कि वह इसके माध्यम से यमुना विवाद खत्म कर लेगी। राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यमुना के साथ लगने वाली जमीन का विवाद हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच खाफी लंब समय से बना हुआ है। अधिकारियों द्वारा रोवर के माध्यम से इस विवाद को खत्म करने की उम्मीद जताई जा रही है।
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