दिल्ली कोचिंग हादसा: हाईकोर्ट ने पुलिस और एमसीडी को लगाई फटकार, CBI को सौंपी जांच की जिम्मेदारी

Delhi Coaching Hadsa
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दिल्ली हाई कोर्ट ने कोचिंग हादसे की जांच सीबीआई को सौंपी।
Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में हुए कोचिंग हादसे मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और एमसीडी को फटकार लगाते हुए सीबीआई को मामले की जांच सौंप दी है।

Delhi Coaching Hadsa: दिल्ली हाईकोर्ट में आज यानी शुक्रवार को राजेंद्र नगर कोचिंग में हुए हादसे को लेकर सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और एमसीडी से जांच का जायजा लिया। एमसीडी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर रही है और एमसीडी बेसमेंट के नियमों को लेकर कार्रवाई कर रही है। एमसीडी और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से नाराज दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी है। ऐसे में अब सीबीआई ही मामले की जांच करेगी और रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी।

एमसीडी से दस्तावेज जब्त कर लीजिए- HC

हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि नियम के अनुसार बेसमेंट में छात्र नहीं रह सकते हैं, फिर ऐसा कैसे हुआ। इस पर डीसीपी ने कहा कि इसको लेकर हम लोगों से पूछताछ करेंगे, हम उन्हें जांच के लिए बुलाएंगे। पुलिस ने आगे कहा कि हमने 29 जुलाई को एमसीडी को नोटिस जारी कर दस्तावेज मांगा है कि आखिरी बार राजेंद्र नगर इलाके में नाले की सफाई कब हुई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि एमसीडी जाइए और दस्तावेज जब्त कर लीजिए। कोर्ट ने आगे कहा कि हमें सिर्फ कार्रवाई नहीं चाहिए, बल्कि समाधान चाहिए, जाइए और लोगों से खुलकर बातचीत कीजिए।

दिल्ली पुलिस ने बताया कैसे हुआ हादसा

कोर्ट ने जब हादसे का कारण जानना चाहा, तो डीसीपी ने कहा कि बेसमेंट से निकलने के लिए दो रास्ते थे, जिनमें से एक रास्ता सीढ़ी से होकर आता है और दूसरा रास्ता एक दरवाजे से होकर है। लेकिन पानी के फ्लो के कारण दरवाजा नहीं खुल सका। पानी भर जाने से किताबें पानी पर तैरने लगे, जिससे वह दरवाजा धक्का देने के बाद भी नहीं खुला। लाइब्रेरी में पानी घुसने के साथ ही लाइब्रेरियन भागे और छात्रों को भी भागने के लिए कहा, लेकिन एक ही रास्ता होने के कारण जो छात्र सीढ़ी से दूर थे, वह अंदर ही फंस गए और हादसा हो गया।

नाले की सफाई को लेकर एमसीडी से सवाल

यह एमसीडी की भी असफलता है, अगर नाले की सफाई समय पर होते रहती, तो सड़क पर जलभराव की स्थिति नहीं बनती। ऐसे में कोर्ट ने सीवेज सिस्टम को लेकर एमसीडी से जवाब मांगा, तो एमसीडी की ओर से पेश वकील ने कहा कि हमने इसको लेकर कार्रवाई की है। जहां-जहां ऐसी स्थिति बन रही है, उन नालियों को साफ किया जा रहा है।

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