Delhi Haunted Place: आखिर किस बात की सजा भुगत रहा फिरोजशाह कोटला, दीवारों में छिपा है दुखद इतिहास!

Haunted Place of Delhi: यूं तो राजधानी दिल्ली में देखने लायक बहुत सी इमारतें, ऐतिहासिक स्थल और किले आदि हैं। यहां पर स्थित हर चीज का अपना महत्व है और एक अलग कहानी है। ऐसी ही एक कहानी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला की है, जिसे भूतिया किले के नाम से जाना जाता है। इस किले के भूतिया होने को लेकर आज भी कई कहानियां चर्चा में हैं। आइए जानते हैं फिरोजशाह कोटला के बारे में...
रहस्यों से भरा है फिरोजशाह कोटला
इस किले का निर्माण फिरोज शाह तुगलक ने 14वीं शताब्दी में करवाया था। कहा जाता है कि यह किला दिल्ली की पुरानी रचनाओं में एक खास स्थान रखता है। फिरोजशाह का यह किला फिरोजाबाद में स्थित है। इसे फिरोजाबाद का दिल भी कहा जाता है। लोगों का कहना है कि यह किला इतिहास और रहस्यों से भरा हुआ है। यहां घूमने आए लोगों को कहना है कि इसकी दीवारों में इतिहास का दुखद वर्णन छिपा है। लोगों का कहना है कि उन्होंने इस किले में स्थित छायादार आकृतियां, ठंडी जगहें और अस्पष्टीकृत फुसफुसाहट जैसी असाधारण गतिविधियों को महसूस किया है।
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टूरिस्टों ने किया अदृश्य शक्तियों का अहसास!
दिल्ली के किले में घूमने आए कई टूरिस्टों दावा किया कि किले के अंदर घूमते समय किसी अदृश्य शक्ति ने उन्हें धक्का दिया। इस तरह की घटनाओं को सुनने के बाद लोगों ने इसे भूतिया किला होने की प्रतिष्ठा दिलाई, जिस वजह से यहां आने में लोग खौफ खाते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब किले का निर्माण किया जा रहा था, तब कई लोगों की जान चली गई थी। आज भी उन लोगों की आत्माएं पास के कब्रिस्तान में भटकती हैं। यहां आत्माओं के साथ जिन्न व अलौकिक शक्तियां भी इस रहती हैं।
काली शक्तियों का हुआ था उल्टा असर!
वहीं काफी लोगों का ये भी कहना है कि फिरोज शाह तुगलक ने किले की सुरक्षा और किले को नुकसान से बचाने के लिए यहां अलौकिक शक्तियों को बुलाने के लिए काले जादू और तंत्र-मंत्र का इस्तेमाल किया था। जिसका उल्टा असर हो गया और इस किले का एक डरावना माहौल बन गया। हालांकि इनमें से सच क्या है, ये तो आज तक पता नहीं चल पाया।
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(Edit by: Sapna kumari)
