Ghazipur Landfill Site Fire: दिल्ली के गाजीपुर में लैंडफिल साइट पर भीषण आग के बुझाने का काम जारी है। इस बीच दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव को पत्र लिखकर 48 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। गोपाल राय ने पत्र में लिखा कि रविवार यानी 21 अप्रैल को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना सामने आई है। आग लगने के बाद से निकलने वाला धुआं आस-पास के इलाके के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस घटना पर 48 घंटे के अंदर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई। जिसमें आग लगने का कारण और उसे बुझाने के लिए एजेंसियों द्वारा तत्काल उठाए गए कदम के बारे में जानकारी मांगी गई है।

संबंधित विभागों से मांगी रिपोर्ट

पत्र में आगे लिखा है कि पिछले वर्षों के दौरान भी ऐसी ही आग की घटनाएं सामने आई थी और मैंने उस दौरान स्थलों का दौरा करने के बाद भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और मुकाबला करने के लिए एजेंसियों को दिशा निर्देश जारी किए। सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा ऐसे दिशा निर्देशों के अनुपालन के संबंध में सभी संबंधितों से एक रिपोर्ट पेश की जाए। जिसमें सभी लैंडफिल साइटों पर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विभाग की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी जाए। इस बीच लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आस-पास के क्षेत्र की हवा गुणवत्ता को और खराब होने से रोकने के लिए आग को नियंत्रित करने और आग को बुझाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।

धुंआ निकलने से स्थानीय लोगों को हो रही दिक्कत

बता दें कि आग लगने के बाद वहां से निकलने वाले धुएं की वजह से आस-पास रह रहे लोगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों की आंखों में जलन हो रही है। सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि धुएं के कारण बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जा रहा है। वहीं, इस मामले पर सियासत भी देखने को मिल रही है। दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा सीएम अरविंद केजरीवाल सिर्फ वादा करते हैं। जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते हैं। हालांकि, वहीं आप ने बताया कि यह राजनीति करने का समय नहीं है।

पुलिस ने एफआईआर दर्ज की

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 'लैंडफिल साइट' पर आग लगने के कुछ घंटों बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस के अनुसार गाजीपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 278 (माहौल को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाना) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। सोमवार सुबह आतिशी ने कहा था कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी।

साइट पर अभी 84 मीट्रिक टन कूड़ा बचा है

बता दें कि गाजीपुर लैंडफिल साइट करीब 70 एकड़ में फैली हुई है। इसकी शुरुआत साल 1984 में शुरू हुई थी। इसकी ऊंचाई कुतुब मीनार के बराबर करीब 65 मीटर हो चुकी थी। हालांकि, इसके बाद कूड़े के हटाने का काम जारी है। जिससे अब ये घटकर 50 मीटर ऊंची है। जानकारी के मुताबिक इस लैंडफिल साइट पर करीब 140 लाख टन कचरा पड़ा हुआ था, जिसे साल 2024 में खत्म करने का लक्ष्य था, लेकिन इसे पूरी तरह हटाने में सफलता नहीं मिली। अभी तक इस पर 84 मीट्रिक टन कूड़ा बचा है। अब इसे साल 2026 तक बढ़ा दिया गया है। दिल्ली नगर निगम के आंकड़े के मुताबिक, 5 साल में 25 ट्रामेल मशीन की मदद से करीब 46 मीट्रिक टन कूड़े का ही निपटारा हो पाया है।