Delhi Traders Protest: दिल्ली के व्यापारियों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगाए नारे; कपिल सिब्बल ने कर दी ये मांग

Delhi Traders Protest
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पहलगाम आतंकी हमले से गुस्साए व्यापारी पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए।
दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में आज बाजार बंद रखने का आह्वान किया था। इस अपील का खासा असर देखा जा रहा है। व्यापारियों के गुस्से को देखते हुए दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिल्ली का व्यापारी वर्ग भी गुस्से में है। दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के आह्वान पर दिल्ली के व्यापारियों ने आज बाजार बंद रखा, वहीं सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। साथ ही, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के भी अपील की गई। इस दौरान भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल मौजूद रहे।

मीडिया से बातचीत में प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पाकिस्तान ने कायराना हमला किया है, जिसका पूरा हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह नया भारत है, जिसके पास आतंक फैलाने वालों का भी पूरा सफाया करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि आज के प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। हमने यह मार्च चांदनी चौक से लाल किले तक निकाला है। व्यापारियों ने पाकिस्तान से अपने सभी व्यापारिक संबंध तोड़ने का फैसला लिया है। हम न तो पाकिस्तान से सामान आयात करेंगे और न ही निर्यात करेंगे। व्यापरियों ने पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने भी पहलगाम आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश हर भारतीय की भावना दर्शाती है। आतंकियों और उनके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। यह नया भारत है, जो आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकेगा।

कपिल सिब्बल ने भारत सरकार से की ये मांग
देश के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना है कि भारत को पाकिस्तान के साथ व्यापार करने वाले सभी देशों को बता देना चाहिए कि अगर वो पाकिस्तान के साथ व्यापार करते हैं, तो वे भारतीय बाजारों में नहीं आ सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाने के साथ ही सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित होना चाहिए। यह देखना होगा कि चीन इस प्रस्ताव का समर्थन करता है या नहीं। हमें यह कुटनीतिक पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाना चाहिए और सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित होना चाहिए। हमें देखना होगा कि चीन इसका समर्थन करता है या नहीं, हमें ये पहल करनी ही

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