गिरफ्तारी के बाद मेधा पाटकर को राहत: साकेत कोर्ट ने दिया रिहाई का आदेश, 1 लाख का जुर्माना लगाया

Medha Patkar: नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार सुबह को निजामुद्दीन से गिरफ्तार किया था। हालांकि इसके कुछ ही घंटों बाद साकेत कोर्ट ने उन्हें रिहा करने का आदेश दे दिया। इसके लिए उन्हें प्रोबेशन बॉन्ड और मुआवजा राशि जमा करनी होगी। बता दें कि गुरुवार को मेधा पाटकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
साल 2001 में दर्ज हुआ था मामला
बता दें कि मेधा पाटकर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज था। ये मामला साल 2001 में वर्तमान में दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दर्ज कराया था। इस मामले में दोषसिद्धि के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। इससे पहले उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था, जो उन्होंने नहीं माना।
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अदालत में पेश नहीं हुईं मेधा
इस पर साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने कहा था कि मेधा पाटकर अदालत में उपस्थित नहीं हुईं। दोषी ने जानबूझकर सजा से जुड़े आदेशों का पालन नहीं किया। ये कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। वे सुनवाई से बचना चाहती हैं, जिसके कारण वो कोर्ट में पेश नहीं हुईं। इसके कारण अब पाटकर को कोर्ट में पेश करने के लिए दबाव का सहारा लेना पड़ेगा।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के कार्यालय से मेधा पाटकर के खिलाफ अगली तारीख के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया जाए। आज पाटकर को साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद 3 मई को मामले की सुनवाई होनी है। कोर्ट ने कहा कि अगर पाटकर ने अगली सुनवाई पर सजा का के आदेश का पालन नहीं किया, तो उदार सजा पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
क्या है मामला?
बता दें कि साल 2001 में विनय कुमार सक्सेना ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था। साल 2001 में विनय सक्सेना अहमदाबाद स्थित एनजीओ 'नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज' के प्रमुख थे। इससे पहले 25 नवंबर 2000 को मेधा पाटकर ने एक प्रेस नोट जारी किया था। इस प्रेस नोट में उन्होंने सक्सेना को कायर व देश विरोधी होने और उन पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया था। कोर्ट ने इस मामले में पाटकर को दोषी ठहराया और कहा कि पाटकर ने जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण और सक्सेना की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से ये बयान दिया।
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