दिल्ली में विकास को मिलेगी गति: सार्वजनिक परिवहन और यमुना सफाई को लेकर खुला खजाना, 3400 करोड़ रुपए की मिली मंजूरी

Delhi Government: दिल्ली सरकार ने विकास की गति को तेज करने के खजाना खोल दिया है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण मुक्त यमुना और सार्वजनिक परिवहन के लिए 3247 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा नरेला में नई जेल बनाने के लिए 148 करोड़ की मंजूरी दी है। 3247 करोड़ में सबसे ज्यादा लगभग 3140 करोड़ रुपए यमुना की सफाई पर खर्च किए जाने का फैसला लिया गया है।
बैठक में ये नेता रहे शामिल
बुधवार को सीएम रेखा गुप्ता ने वित्त समिति की बैठक की। इस बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा, डॉ. पंकज सिंह, आशीष सूद और तमाम लोग शामिल हुए। इस बैठक में लंबी चर्चा के बाद सरकार ने 3247 करोड़ रुपए की मंजूरी दी। साथ ही, सरकार ने यमुना में साफ पानी के लिए डी-सेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन योजना को मंजूरी दी है।
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चार्जिंग स्टेशन बनाने पर जोर
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का फैसला लिया। द्वारका के डीटीसी, ISBT और क्लस्टर बस डिपो में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 107.02 करोड़ रुपए की मंजूरी पर मुहर लगाई है। इसके तहत द्वारका सेक्टर 22 में क्लस्टर डिपो-1 और क्लस्टर डिपो-2, द्वारका सेक्टर 22 के ही ISBT और सेक्टर 8 द्वारका के डीटीसी डिपो में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
इन जगहों पर लगेंगे एसटीपी प्लांट
यमुना की सफाई को लेकर नरेला, मुंडका, बिजवासन, वाजिदपुर ठकरान, बवाना, टिकरी कलां, निजामपुर, मोहम्मद मजरी, जौंती, निजामपुर, कुतुबगढ़, औचंदी, कंझावला, ताजपुर खुर्द, घेवड़ा, जौनापुर, मजरी, पंजाब खोर, सलाहपुर में एसटीपी प्लांट लगाए जाएंगे।
डेढ़ साल में पूरा होगा यमुना सफाई का काम
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि बैठक में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर चर्चा कर उन्हें मंजूरी दी गई। दिल्ली को बेहतर बनाने की दिशा में ये परियोजनाएं मील का पत्थर साबित होंगी। सीएम ने बताया कि 27-डी सेंट्रलाइज्ड एसटीपी निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसके लिए 3140 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे यमुना नदी को साफ करने में मदद मिलेगी। इसके तहत नालों के गंदे पानी का शोधन किया जाएगा। साथ ही, सीवरेज नेटवर्क का सुधार होगा। आधुनिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी। 18 महीनों के अंदर ये काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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