Delhi Elections: दिल्ली चुनाव के लिए क्या है जीबी रोड का माहौल, किस सरकार की तरफ रुख कर सकती हैं वैश्याएं?

Sex Workers of GB Road on Delhi Assembly Elections 2025
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दिल्ली विधानसभा चुनाव पर क्या बोलीं जीबी रोड की वैश्याएं?
Delhi Elections: दिल्ली में जीबी रोड इलाके का कुछ हिस्सा बल्लीमारान में और कुछ हिस्सा मटियामहल विधानसभा में आता है। इस बीच यहां काम कर रही महिलाओं का क्या रुख है, ये जानना बेहद जरूरी है।

Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियां एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही हैं। वहीं इन चुनावों में आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। ये सभी पार्टियां दावा कर रही हैं कि दिल्ली में उनकी ही सरकार बनेगी। एक ओर जहां कांग्रेस 11 साल बाद दिल्ली में वापसी करना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस अपने पिछले 25 सालों का सूखा खत्म करना चाहती है। वहीं आम आदमी पार्टी चौथी बार दिल्ली में सत्ता पर काबिज होना चाहती है। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां दावों और वादों के साथ ही रैली, जनसभाएं कर रही हैं। इस बीच नेता जीबी रोड इलाके में जाकर भी वोट मांग रहे हैं।

बल्लीमारान और मटियामहल विधानसभा में आता है जीबी रोड

दिल्ली में जीबी रोड इलाके का कुछ हिस्सा बल्लीमारान में और कुछ हिस्सा मटियामहल विधानसभा में आता है। ऐसे में इन दोनों ही इलाकों के प्रत्याशी जीबी रोड इलाके में जाकर भी वोट मांगने जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी अपने काम को लेकर अक्सर दावे कर रही है लेकिन वैश्यालयों में काम करने वाली महिलाओं को दिल्ली सरकार से काफी शिकायतें हैं। उन्होंने पीने के पानी की समस्या, इलाके में शौचालय की समस्या, महीनों से टूटी पड़ी पानी की पाइपलाइनों की समस्या बताई। उन्होंने ये भी कहा कि नेता चुनाव से पहले आते हैं और फिर वादे करके गायब हो जाते हैं।

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हम भी दूसरों की तरह वोट देते हैं लेकिन हमारी अहमियत नहीं

यहां की सेक्स वर्कर्स का कहना है कि हम भी अन्य लोगों की तरह वोट डालते हैं लेकिन हमें तबज्जो नहीं दी जाती। हम ऐसी जिंदगी जीते हैं, जहां एक ही कमरे में चार से पांच महिलाएं रहती हैं। शौचालयों का काफी अभाव है। हमारे आसपास के इलाकों में शौचालय नहीं हैं और इस इलाके में सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। इसके अलावा पीने का पानी भी पर्याप्त नहीं मिलता। सुबह के समय तीन से चार घंटे बिजली नहीं होती। सर्दियों में तो बिजली के कारण परेशानी नहीं होती लेकिन गर्मियों में काफी दिक्कत होती है।

हमारे हालातों में नहीं आता बदलाव

महिलाओं का कहना है कि 'हम बेहद छोटे कमरों में चार से पांच लोग रहते हैं। शौचालय की नालियां हमारे कमरों के सामने बहती हैं। यहां कि स्थिति बद्तर है। इन चुनौतियों के बावजूद नेता अपने प्रचार के दौरान हमारी हालत और इस इलाके के बारे में बात तक नहीं करते। हर साल नेता चुनाव के समय आकर वोट मांगते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन हमारे हालातों और हमारे इलाके के हालातों में कभी बदलाव नहीं आता।'

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गंदा पानी पीने को मजबूर महिलाएं

वहीं कुछ महिलाओं का कहना है कि उन्हें पीने के पानी को लेकर सबसे ज्यादा समस्या होती है। महीनों से पानी की पाइपलाइन टूटी हुई है लेकिन इन्हें ठीक करने कोई नहीं आता। इससे गंदा पानी आता है लेकिन कोई ऑप्शन न होने के कारण हमें मजबूरन यही पानी पीना पड़ता है। हमारे पास राशन कार्ड भी नहीं हैं। कई एनजीओ के लोग भी आते हैं, हमारी परेशानी सुनते हैं लेकिन कोई ये नहीं बताता कि हम अपनी जिंदगी को बेहतर कैसे बना सकते हैं।

जीबी रोड के 74 वैश्यालयों के साथ एशिया का सबसे बड़ा हार्डवेयर बाजार

बता दें कि वर्तमान समय में जीबी रोड पर लगभग 74 वैश्यालय हैं। यहां पर सैकड़ों की संख्या में सेक्स वर्कर्स रहती हैं। कहा जाता है कि इन महिलाओं में काफी ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें तस्करी के जरिए यहां पहुंचाया गया है। वहीं जीबी रोड पर एशिया का सबसे बड़ा हार्डवेयर का बाजार भी है लेकिन इसके बावजूद भी यहां के इलाके के हालात बद्तर हैं।

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